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“जनसंख्या नियंत्रण कानून के परिप्रेक्ष्य में सरकार की दोहरी मानसिकता”

"जनसंख्या नियंत्रण कानून के परिप्रेक्ष्य में सरकार की दोहरी मानसिकता"

हमारा भारत देश एक ऐसा देश है, जहां कई तबके और कई समाज के लोग रहते हैं और सब की अपनी एक विचारधारा है और हर किसी की अपनी एक अलग भाषा है, जो जिस भाषा में चाहे उस भाषा में अपनों के बीच बोल और सुन सकता है, यह परम्परा सदियों से चलती आ रही है। यहां सभी को अपनी विचारधारा के मुताबिक अपनी बात कहने का अधिकार है।

अब इसी बीच सरकार कई राज्यों में एक कानून ले कर आई है, जिसे जनसंख्या नियंत्रण कानून कहा जा रहा है। सरकार का कहना है कि इससे देश में बढ़ती हुई आबादी पर रोक लगाई जा सकती है लेकिन ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब आम जनमानस को मिलने मुश्किल लग रहे हैं। 

जब सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून ला ही रही है तो ज़रूर लाए पूरा देश इस कानून का स्वागत करेगा चाहे वो हिन्दू हो या मुसलमान लेकिन शर्त यह है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून पूरे देश के नागरिकों पर एक जैसा ही लागू हो। इस कानून में गरीबों और अमीरों के लिए अलग-अलग नियम ना हों। ग्राम मेम्बर, वार्ड मेम्बर, बीडीओ मेम्बर ग्राम पार्षद जैसे छोटे-छोटे संवैधानिक पदों के लिए अलग और विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री, जैसे बड़े-बड़े संवैधानिक पदों के लिए अलग नियम क्यों?

इस कानून के अनुसार, दो या दो से ज़्यादा बच्चों वाला कोई भी व्यक्ति वार्ड मेम्बर, बीडीसी मेम्बर, ग्राम प्रधान, पार्षद नहीं बन सकता है और सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं ले सकता तो फिर दो या दो से ज़्यादा बच्चों वाला कोई भी व्यक्ति किस आधार पर विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति कैसे और क्यों बन सकता है?

दो या दो से ज़्यादा बच्चों वाला गरीब आदमी कोटे से सरकारी राशन नहीं ले सकता लेकिन दो या दो से ज़्यादा बच्चों वाला अमीर आदमी चाहे वो विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बनकर सरकारी गाड़ी ले सकता है, वो हेलिकॉप्टर भी ले सकता है, हवाईजहाज की सुविधा भी ले सकता है और बंगले, नौकर-चाकर और सरकारी भत्ते और सारी सुविधाएं भी ले सकता है ! कैसे?

गरीबों के लिए अलग और अमीरों के लिए अलग नियम क्यों? अगर सरकार में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर इतनी ही इच्छाशक्ति है तो देश के सब नागरिकों के लिए एक समान कानून होना चाहिए, चाहे फिर वह प्रधान हो या प्रधानमंत्री सब पर एक ही नियम लागू होना चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो देश की जनता सरकार के साथ मज़बूती से खड़ी रहेगी, चाहे वो हिन्दू हो या मुसलमान या और किसी धर्म का सभी इस कानून का ठीक तरीके से पालन करेंगे।

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