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फिल्म समीक्षा : विज्ञान और एक-दूसरे पर विश्वास की कहानी है द टुमारो वॉर

फिल्म समीक्षा : विज्ञान और एक-दूसरे पर विश्वास की कहानी है द टुमारो वार

अभी हाल ही में अमेज़न प्राइम ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हुई फिल्म “द टुमारो वॉर” विज्ञान और उस पर विश्वास की कहानी पर आधारित है, जिसमें एक परिवार के मुश्किलों से जूझने और एक-दूसरे पर भरोसे की कहानी भी शामिल है। फिल्म के टीजर को देखकर यही लगा था कि यह आज के लोगों के भविष्य में जाकर कोई जंग लड़ने की कहानी है, परंतु यह तो दो घंटे की कहानी का मात्र छोटा सा हिस्सा भर है। इस कहानी में और भी बहुत कुछ है, जो हमें वर्तमान की  कोरोना महामारी के दौरान इंसानी और अपनी सरकार की सरकारी ज़िम्मेदारी का एहसास भी कराती है।

 द टुमारो वॉर की कहानी क्या है?

यह कहानी है डैन फारेस्टर (क्रिस प्रैट) की, जो एक स्कूल में टीचर है। इससे पहले वह सुरक्षा एजेंसी में काम कर चुका है। उसकी एक पत्नी और एक प्यारी सी बेटी और पिता (जे.जे.सिमंस) हैं, जिससे उसकी बनती नहीं है। एक फुटबाल मैच के दौरान मैदान में भविष्य से कुछ लोग आते हैं और जब पता चलता है कि अगर वर्तमान से लोगों ने भविष्य में जाकर इंसानों को नहीं बचाया, तो आज से करीब तीस साल के बाद धरती पर मानव जाति खत्म हो जाएगी। 

इस कहानी में टर्निग प्वाइंट तब आता दिखता है, जब भविष्य में डैन का अपनी बड़ी हो चुकी बेटी (यूवांन स्ट्रांवस्की) से आमना-सामना होता है, जिसने अपने पिता का भविष्य पहले से ही देख रखा था। उसने अपने माता-पिता का बिछड़ना और अपने पिता का मरना भी देख रखा है, क्योंकि वह वर्तमान से तीन दशक आगे है।

डैन भविष्य में अपनी बेटी को खो भी देता है, परंतु उसके पास एक विकल्प मौजूद है। वह वर्तमान में जाकर सब कुछ सही कर सकता है। डैन के पास अभी भी समय है, परंतु इस समय जो चुनौती उसके सामने आकर खड़ी हुई है, उसने विज्ञान और विश्वास दोनों को ही कसौटियों पर टांग कर रख दिया है।

डैन फारेस्टर कैसे इस चुनौती से निपटता है? क्या डैन फारेस्टर अपने वर्तमान को सही कर पाता है? अपने पिता के साथ उसके रिश्ते सही हो पाते हैं या नहीं? इन सारे सवालों का जवाब पाने के लिए आपको “द टुमारो वॉर” देखनी होगी।

क्यों देखनी चाहिए द टुमारो वॉर?

एक बेटी के पिता के रूप में क्रिस का अभिनय दर्शकों को काफी प्रभावित करता है। इसके साथ-ही-साथ अपने पिता से मदद मांगने वाला दृश्य भी दर्शकों को भावुक करता है। क्रिस पैट की बड़ी हुई बेटी का किरदार यूवांन स्ट्रांवस्की ने निभाया है, जो काफी संतुलित दिखता है।

भविष्य और वर्त्तमान की इस तरह की कई कहानियों को देखा जा चुका है, पर उन कहानियों में भावनाओं का जाल इस तरह से नहीं बुना जाता रहा है, उनमें विज्ञान के तकनीक पक्ष पर ही अधिक जोड़ देखने को मिलता है। जाहिर है बहुत ही कुशलता और तल्लीनता से दर्शकों के लिए यह कहानी ना केवल रची गई है, बल्कि बहुत कुशलता से उसके किरदार भी बुने गए हैं। भावनाओं के एहसास को अधिक मज़बूत करने के लिए डैन के पिता के किरदार के लिए अभिनेता सिमंस को चुना गया है, जो इस फिल्म में अच्छे दिखे हैं।

भावनाओं के साथ-साथ विज्ञान और भरोसे के धागे से बुनी इस कहानी को क्रिस मैकके का निर्देशन मिला है। जिन्होंने एलियंस के साथ इंसानी भिडंत को पर्दे पर खूबसूरत तरीके से उतारा है। उन्होंने खासकर कोरोना काल में इस उम्मीद को हरी झंडी दी है कि हमें कोरोना महामारी को एक वैश्विक समस्या की तरह देखने की ज़रूरत है।

फिल्म के अंत में जब एक साथ कई देशों के राष्ट्रीय ध्वज दिखते हैं, तो वह दर्शकों के लिए एक उम्मीद सरीखी दिखती है, जिसकी ज़रूरत इस मौजूदा दौर में पूरी दुनिया को है। दुनिया के सभी देशों को कोरोना के खिलाफ मिलजुल कर लड़ना चाहिए, तभी हम इस महामारी को हराने में कामयाब हो सकते हैं। एलिंयस के खात्मे के लिए रूस में एलियनशिप खोजने के लिए, जो दृश्य फिल्माए गए हैं, वह शानदार बने हैं। 

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