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कविता : मेरे मर जाने के बाद

कविता : मेरे मर जाने के बाद

मेरे मर जाने के बाद

मेरे हिस्से की दौलत तुम हथियाओगे ना?

फिर किसी लड़की के आगे उसकी

दौलत के लिए अपनी अम्मा के साथ

भोली शक्ल लिए जाओगे ना?

 

फिर कैसे-कैसे नाटक रचाओगे तुम

फिर किसी की बहन-बेटी को अपने

जाल में फंसाओगे तुम बोलो ना मेरे

मर जाने के बाद ये सिलसिला

जारी रखोगे या बन्द कर दोगे?

 

अपनी गलतियों को छिपाने की खातिर

तुम और कितनी लड़कियों की हत्या करोगे?

ना रत्ती भर भी शर्म ना ही बाकी तुम में

ना दर्द किसी के लिए बचा

बोलो ना मेरे मर जाने के बाद ये सिलसिला

जारी रखोगे या बन्द कर दोगे?

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