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कविता: बदलाव

कविता: साहसी लड़कियां

बदलाव लाना है, हां इस ज़माने में बदलाव लाना है
एक नई उम्मीद भरकर सबको ऊर्जावान बनाना है
हां, इस ज़माने में बदलाव लाना है

नारी और पुरुष सब समान हैं, ये सबको समझाना है
उड़ान और लिंग को ना जोड़कर सबको आगे लाना है
हां, इस ज़माने में बदलाव लाना है

परंपरा को मानकर और बड़ो का आदर करके ही नई सोच को दिखलाना है
‘मन की पुकार’ सुनो, ये भी सबको समझाना है
हां, इस ज़माने में बदलाव लाना है

तूफान आए या आंधी, हर मुश्किल का हल निकालना है
चट्टानों से ठोकर खाकर भी आगे बढ़ते जाना है और बदलाव लाना है
हां, इस ज़माने में बदलाव लाना है।

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