Site icon Youth Ki Awaaz

“देश की बढ़ती हुई आबादी एक आपदा है या सुनहरा अवसर”

"देश की बढ़ती हुई आबादी एक आपदा है या सुनहरा अवसर"

देश मे बढ़ती हुई आबादी को समस्या बताया जा रहा है और इसी को चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा है। अगर देश की बड़ी आबादी वाकई आपदा है तो इस आपदा को अवसर में बदलना ही एक कुशल नेता की पहचान है। हमारे देश में चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा जितनी धनराशि अपने चुनावी मुद्दों के प्रचार-प्रसार में खर्च की जाती है, अगर उसी धनराशि से देश में स्कूल कॉलेज, प्रशिक्षण संस्थाए बना दी जाएं तो देश के युवाओं का भविष्य काफी उज्ज्वल हो जाएगा। 

चुनावी प्रचार-प्रसार में खर्च की जाने वाली धनराशि केवल फिजूलखर्च होती है ठीक चुनावी रैली में दिए गए भाषण के समान जिससे ना जनता को कुछ फायदा होता है और ना ही राजनीतिक दलों को कोई नुकसान होता है।

देश में  शिक्षा का स्तर दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है, रोज़गार भी निम्न स्तर पर है और लगातार बहुत लोगों के रोज़गार आए दिन जा रहे हैं, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।

अगर देश की बढ़ती हुई आबादी वास्तव में एक बहुत बड़ी समस्या है तो इसका फायदा सिर्फ नेताओं को कैसे? उनकी बनाई रणनीति, उनके अपने मंत्रिमंडल में लगभग 62% नेताओं के दो से अधिक बच्चे हैं और सब उच्च श्रेणी की शिक्षा पा रहे हैं और उनके लिए भविष्य का ढांचा तैयार कर के रखा गया होगा जो कि आम नागरिकों को नहीं  मिलता है, क्योंकि उनका जीवन तो कमाने खाने में ही बीत जाता है।

शायद ही किसी ने इस बात पर गौर किया हो पर अगर इस देश की सरकार, अपने देश की सबसे बड़ी युवा शक्ति पर ध्यान दे तो देश की लगभग 135 करोड़ की आबादी में से एक बड़ी संख्या में डॉक्टर, इंजीनियर, टीचर, अर्थशास्त्री, साइंटिस्ट, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, जल सेना, थल सेना, वायु सेना, पुलिस इन सब की एक बड़ी मज़बूत फौज खड़ी की जा सकती है। 

Exit mobile version