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“पारम्परिक सेक्स के तरीकों से 9 साल में एक बार भी ऑर्गेज़्म नहीं मिला”

"पारम्परिक सेक्स के तरीकों से नौ साल में एक बार भी ओर्गास्म नहीं मिला"

एक महिला का प्रवेशित सेक्स से ओर्गास्म नहीं हो पाना एक बहुत आम बात है। क्या आप भी उन्हीं महिलाओं में शामिल हैं? यह कहानी है, उस महिला के बारे में जिसे 9 सालों तक एक भी बार सेक्स करते हुए ओर्गास्म नहीं हुआ, तो उसके पीछे की असल वजह क्या थी? और उसे इस समस्या का समाधान कैसे मिला? आइए जानते हैं उस महिला के बारे में। 

जेनिस मेहता, 28, मानव संसाधन कार्यकर्ता (परिवर्तित नाम)

क्या समस्या थी?

मुझे सैमुएल पहली ही नज़र में भा गया था। उसके छरहरे शरीर के प्रति तो मैं पहले से ही आकर्षित थी, लेकिन जब हमने सेक्स करना शुरू किया तो मेरी ज़रूरतों के प्रति उसके सचेत रहने से तो जैसे मैं उसकी दीवानी हो गई थी।  वैसे, तो पहली बार सेक्स के दौरान मुझे ओर्गास्म नहीं हुआ था, लेकिन मैंने इस बात पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और आखिर हम महिलाओं को कौनसा रोज़-रोज़ ओर्गास्म होता है। 

मुझे कभी लगा ही नहीं कि यह कोई बड़ा मुद्दा है, क्योंकि हमारे बीच सेक्स बेहद शानदार होता था। ऐसे ही धीरे-धीरे कई महीने बीत गए, लेकिन मुझे सेक्स करते हुए अब तक एक बार भी ओर्गास्म का सुख नसीब नहीं हुआ था। वो तो शुक्र था कि सैमुएल मेरी हर शारीरिक ज़रूरत का ख्याल रखता था और उसे पता था कि मुझे कामुक सुख कैसे दिया जाए लेकिन मेरे ओर्गास्म ना हो पाने से वो भी चिंतित रहने लगा था।

शायद इसकी असल वजह पारम्परिक सेक्स थी, जिसमे लिंग को योनि में डाल कर सेक्स किया जाता है। वही हमारी इस समस्या की जड़ थी, लेकिन अभी तक हम दोनों ही मुख मैथुन या गुदा मैथुन के लिए तैयार नहीं थे। हम दोनों को इनके बारे में सोच कर ही घिन आती थी।

ओर्गास्म ना हो पाने से, अब मैं थोड़ी परेशान होना शुरू हो गई थी। मेरे मन में बार-बार यह ख्याल आता था कि कहीं मुझ में या सैमुएल में कोई दिक्कत तो नहीं है। कहीं ऐसा तो नहीं कि हमें किसी प्रकार की मदद की ज़रूरत हो? हमारे बीच में चीज़ें तब ज़्यादा खराब हो गई, जब सैमुएल के मन में भी अजीब ख्याल आने शुरू हो गए थे। इस बात की वजह से सैमुएल के प्रति मेरे आकर्षण में कोई कमी नहीं आई थी, लेकिन वो इस बात पर विश्वास ही नहीं कर पा रहा था, शायद इसलिए क्योंकि मेरा शरीर उसे वह बात नहीं दिखा पा रहा था।

हेल्पलाइन

मेरी हर दोस्त (अनुभवी और गैर अनुभवी) के पास मेरे लिए बहुत सुझाव थे कि मुझे कैसे ओर्गास्म होगा? उन्हें यह लगने लगा था कि कहीं इस वजह से सैमुएल मुझे छोड़ ना दे? मज़े की बात यह है कि हम दोनों ही ऐसा सोच रहे थे। सैमुएल ने मुझे बताया कि वो भी इस बात से बहुत परेशान था कि कहीं मैं उसे किसी ऐसे लड़के के लिए ना छोड़ दूं, जो मुझे ओर्गास्म दे सकने में सक्षम हो। 

कुछ ही दिनों में हमारे पास एक से बढ़कर एक सुझाव थे। थ्रीसम से लेकर अलग-अलग सेक्स खिलौनों के बारे में, कुछ दोस्तों ने तो मुझे उन गानों की सूची भी बनाकर दे दी थी, जिनसे मेरा ‘मूड’ बनेगा! आज इन सबके बारे में सोचकर हंसी आती है, लेकिन उस समय तो यही सोच-सोचकर दिल घबराता रहता था कि ना जाने मुझे क्या बीमारी हो गई है? हमें उस समय ऐसा लग रहा था कि हममें या शायद हमारे सेक्स में कुछ ना कुछ ‘गलत’ है।

समस्या का समाधान

हमें लगने लगा था कि हमें एक अच्छे सेक्स थेरेपिस्ट की ज़रूरत है। हम एक-दूसरे से बेहद प्यार करते थे और नहीं चाहते थे कि सेक्स की वजह से हम एक-दूसरे से दूर हो जाएं। वो तो शुक्र था कि हम दोनों ने निर्णय लिया कि पहले हम दोनों ही इस बारे में और जानकारी ढूंढते हैं। अगले ही दिन से जितना मुमकिन था, हमने इस बारे में पढ़ना शुरू कर दिया फिर चाहे वो कोई ऑनलाइन लेख हो, चिकित्सा मार्गदर्शिकाएं या मेरी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिली सामग्री हो जितना हम इस बारे में पढ़ते जा रहे थे, उतना ही हम महसूस कर रहे थे कि शायद यह उतनी बड़ी समस्या नहीं थी, जितना हमें लग रहा था।

हम दोनों अब मान चुके थे कि पारंपरिक सेक्स के बिना भी सेक्स का आनंद लेना संभव है लेकिन यहां यह समझना बहुत महत्त्वपूर्ण है कि सैमुएल वो हर सम्भव प्रयास करने को तैयार था, जिससे मुझे ओर्गास्म हो और शायद इसीलिए हम कुछ नया खोजते रहते थे। हमने मुख-मैथुन को भी आजमाया इसकी शुरुआत धीमी ज़रूर थी, लेकिन धीरे-धीरे हम सीख गए थे कि कैसे एक-दूसरे को संतुष्ट करें।

हम सुनिश्चित करते थे कि यह पूरी तरह सुरक्षित और स्वच्छ हो। एक दिन, उसने सुझाव दिया कि मैं उसके सामने हस्तमैथुन करूं, मुझे लगा कि यह अजीब है लेकिन मेरे ऐसा करने से वो बेहद कामोत्तेजित हो गया था और आश्चर्य की बात यह थी कि उसकी प्रतिक्रया ने मुझे भी उत्तेजित कर दिया था।

अब हम यह (एक-दूसरे के सामने हस्तमैथुन) नियमित रूप से करते हैं। यह हमारे लिए बेहद रोमांचक साबित हुआ है। हम एक-दूसरे को दिन भर कामुक सन्देश भेजते हैं और सैमुएल को तो अब इसमें बहुत मज़ा भी आना शुरू हो गया है। हमने यह भी पाया है कि लोगों के सामने एक-दूसरे को चूमना, स्पर्श करना वास्तव में सेक्सी है। इसलिए हम ऐसा भी करते हैं।

हमारे लिए, अंतरंगता बहुत मायने रखती है और इसका मतलब सिर्फ सेक्स नहीं है। हमने कई रातें बिना कपड़ों के एक-दूसरे के जिस्मों को स्पर्श करते और एक-दूसरे के साथ केवल बातें करते हुए गुज़ारी हैं और ऐसा करने में हमें बेहद आनंद की प्राप्ति हुई है। 

हां, हम दोनों को एक साथ नौ साल हो चुके हैं और आप कह सकते हैं कि इन नौ सालों में कम-से-कम प्रवेशित सेक्स से तो मुझे एक बार भी ओर्गास्म का सुख नहीं मिला है। ऐसा नहीं है कि हम प्रवेशित सेक्स नहीं करते बिल्कुल करते हैं, क्योंकि सैमुएल को उसमे बेहद मज़ा आता है और मुझे उसे आनंद देने में, क्योंकि वो भी मेरे शारीरिक सुख के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहता है। हम एक-दूसरे के साथ बेहद खुश हैं और चार महीने के बाद हमारी शादी होने वाली है। 

Josephine Dias


नोट- यह कहानी सबसे पहले लव मैटर्स इंडिया पर प्रकाशित हुई थी।

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