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“हमारे देश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध और उदासीन सरकारी तंत्र”

"हमारे देश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध और उदासीन सरकारी तंत्र"

हमारे भारत देश में लड़कियों की शिक्षा का बहुत प्रचार-प्रसार होता रहता है। देश में लड़कियां डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक जैसे कई क्षेत्रों में कार्यरत हैं, सरकार, राजनीतिक क्षेत्र और समाज की सेवा में भी लड़कियों का काफी योगदान है।

कई क्षेत्रों में लड़कियों को रोज़गार में संरक्षण मिलता है, इतना सब कुछ होने के बाद भी वर्तमान में लड़कियां असुरक्षित हैं, उनका उत्पीड़न और शोषण कई तरह से हो रहा है। दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, इनमें से कुछ अच्छी सोच वाले और कुछ की मानसिकता लड़कियों को लेकर बिल्कुल ही खराब होती है। इन गलत मानसिकता वाले लोगों की वजह से ही आज समाज में लड़कियों का जीवन खतरे में पड़ गया है।

समाज में कुछ गलत मानसिकता वाले लोग लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, उनके साथ जोर जबरदस्ती करते हैं और आजकल सरेआम लड़कियों का पर्स छीनना, उनके गले की चेन खींचना और उनके साथ छेड़खानी करना, गलत नियत से जान-पहचान कर दोस्ती करना फिर उनका यौन शोषण कर अपनी गलत मानसिकता का शिकार बनाना अब आम बात हो गई है।

ऐसी मानसिकता के लोगों द्वारा नाबालिग और स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों का अपहरण कर उनका सामूहिक बलात्कार करना, सबूत मिटाने के लिए उन्हें जान से मार डालना या मुंह बंद रखने के लिए उन्हें डराना-धमकाना, उनके मना करने पर तेज़ाब डालकर हमला करना या धमकियां देना आदि देश में महिलाओं के प्रति ऐसे अपराध अब बढ़ते ही जा रहे हैं। देश में बढ़ते महिलाओं के प्रति अपराधों के लिए कहीं-ना-कहीं हम लोग भी ज़िम्मेदार हैं, जो ऐसे अपराधियों के खिलाफ अपनी आवाज़ नहीं उठाते हैं, इसलिए ऐसी मानसिकता के लोगों की अपराध करने की हिम्मत और बढ़ जाती है।

देश में आए दिन ऐसी अनेकों घटनाएं देखने और सुनने को मिल रही हैं। इस तरह के उत्पीडन से हमारे देश एवं समाज में महिलाओं की असुरक्षा को लेकर एक भयानक समस्या उभर कर सामने आ रही है। ऐसे ही उत्पीड़न की एक अमानवीय भयानक तस्वीर दिसम्बर 2012 दिल्ली में एक लड़की के साथ देखने को मिली थी। वह लड़की  ‘निर्भया’ थी, जिसकी सारी कोशिशों के बाद भी जान नहीं बच पाई थी और ना जाने देश में रोज़ निर्भया जैसी बर्बरता कितनी लड़कियों के साथ होती आ रही है।

उस घटना के बाद देश में जनता ने कई तरह के विरोध प्रदर्शन किए, जिसका एक परिणाम यह रहा कि भारत सरकार ने फरवरी 2013 में ‘निर्भया’ कानून एक्ट बनाया, जिसमे बलात्कार और यौन शोषण को लेकर कठोर कानूनों का निर्माण किया गया। उसके बाद भी देश में रोज़ नाबालिग लड़कियों के अपहरण, बलात्कार और उनकी हत्याओं से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं। आज भी देश में लड़कियों पर एसिड के हमले जारी हैं, उन्हें ब्लैकमेल या बदनाम किया जाना अभी भी कम नहीं हुआ है। 

महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले ऐसे लोगों को सरकार द्वारा कठोर-से-कठोर सज़ा देनी चाहिए, जिससे देश एवं समाज में लड़कियों की मुकम्मल सुरक्षा हो सके। हमें वर्तमान में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों से समाज और जनता को मुक्त करने और लड़कियों में असुरक्षा के भाव को दूर करने की सख्त ज़रूरत है।

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