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कमला भसीन अमर रहे!

सोचा न था कि आपसे ऐसे मिलना होगा, कमला!!
हां, सही सुना आपने कमला, आज आपको कमला मैंम नही बोलूंगी।
याद है मुझे, जब अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के सहयोग द्वारा आयोजित शिक्षा में जेंडर समानता एवं पितृसत्ता के ऊपर कार्यशाला में प्रतिभाग किया था। पांचवी बार सुन रही थी आपको!
मेरे कमला मैंम कहने पर, आपने हमे टोका था कि कमला हूँ, ये मैंम, मैडम, दीदी नही हूँ!!
कमला आपको समझने, आपके विचारों को पूरी तरीके से समझने के काबिल नही अभी, पर कोशिश पूरी है कि आपके दिखाए रास्तो को अपने और अपने आस-पास के जीवन को जरूर दिखाऊ और उस पर निडर चलने के लिए तत्पर रहूँ!!

पिछले तीन सालों से आपको सुनती आयी, तमन्ना यही थी कि बस एक बार आपके साथ काम करने का मौका मिले, पर देखो ना आपका हिस्सा तो बन गयी, पर आपसे मिलना ऐसे होगा ये सोचा ना था!!

कमला आपके शब्द ही आपके जज्बात, आपके विचारों को व्यक्त करते है, शुक्रिया!! आपके शब्दो और आपके इस प्रभावी व्यक्तित्व के लिए, जिसने नजाने कितने जया को अपने अंदरूनी द्वन्द से लड़ने का साहस दिया है।
कमला कुछ शब्द आपके लिए,,

*हाँ,* जीना है मुझे नारीवाद को,
तुम्हे कोई दिक्कत तो नही।।
हाँ, लाना है मुझे समानता के शैलाब को,
तुम्हे कोई आपत्ति तो नही।
हाँ, जीना है मुझे बन्धुत्वता को,
तुम्हे कोई आपत्ति तो नही।
हाँ, मिटाना है मुझे, तुम्हारे फैलाये इस मायाजाल को,
तुम्हे कोई ख़ौफ तो नही।
हाँ, लेना है साँस मुझे उन हवाओ,
जहां हो ना कोई महक, अभाव और अहंकार की।
तुम्हे उस माहोल में साँस लेने से कोई आपत्ति तो नही।
हाँ, पार करना है मुझे, तुम्हारे बनाये उस मील के पत्थर को,
जहाँ बाटते हो तुम जात को, इंसानियत को,
तुम्हे कोई ख़ौफ तो नही।
हाँ, तोड़ना है मुझे तुम्हारे बनाये हर उस रिवाज को,
जो बांधती है मुझे, और मेरे अस्तित्व को,
हाँ जीना है मुझे नारीवाद को,
तुम्हे कोई दिक्कत तो नही!!

Jaya Laxmi
Tribute to Kamla??

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