मुगल सम्राट जहांगीर को 31 अगस्त, 1569 को मुगल सम्राट अकबर की संतान के रूप में फतेहपुर सीकरी स्थित शेख सलीम चिश्ती की कुटिया में दुनिया में लाया गया था। जहाँगीर की माँ का नाम मरियम उज्जमानी था। सलीम से पहले अकबर के किसी भी बच्चे का हक नहीं बनता था, जिसके चलते बादशाह अकबर ने काफी मिन्नतें कीं और बाद में सलीम का जन्म हुआ। युवावस्था में जहांगीर को सभी सुल्तान मुहम्मद सलीम के नाम से बुलाते थे।
आपको बता दें कि मुगल मुखिया अकबर ने अपने बच्चे का नाम फतेहपुर सीकरी के शेख सलीम चिश्ती के नाम पर रखा था। मुगल शासक अकबर ने बहुत छोटी उम्र से ही अपने बच्चे जहांगीर ( jahangir ka itihas ) को सैन्य और लेखन में सक्षम बनाने के प्रयास शुरू कर दिए थे। जब वह केवल 4 वर्ष का था, तब सम्राट अकबर ने उसके लिए बैरम खान के बच्चे अब्दुल रहीम खान-ए-खाना जैसे शोधकर्ता प्रशिक्षक का चयन किया।
जिससे जहाँगीर ने इतिहास, गणित, भूविज्ञान, अरबी, फारसी और विज्ञान सीखा था, जिसके कारण जहाँगीर अरबी और फारसी में शोधकर्ता बन गया। इतिहास विशेषज्ञों के अनुसार, जहांगीर के बादशाह अकबर के साथ संबंध खराब थे।
सत्ता सहित कई कारणों से जहांगीर ने अपने पिता अकबर के खिलाफ भी कई बार साजिश रची और विद्रोह करने की कोशिश की, लेकिन बाद में पिता और बच्चे दोनों में आपस में समझ हो गई। जैसा भी हो, अकबर के गुजरने के बाद, जहांगीर को मुगल सीट की सीट पर दिया गया था।
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