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बिहार के अररिया ज़िले से कोरोना वैक्सीन पर फील्ड रिपोर्टिंग

वैक्सीन को लेकर समाज में लोग अलग-अलग तरह की बातें सोचते हैं या हम ऐसा भी कह सकते हैं कि लोग कहां रहते हैं, इसका भी वैक्सीन पर असर है, जो लोग बाज़ार में रहते हैं, जो शिक्षित परिवार से हैं, वह सोचते हैं कि वैक्सीन लगवाना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि वैक्सीन से कोरोना नहीं होगा लेकिन वैक्सीन लगवाने से कोरोना से लड़ने की क्षमता ज़रूर बढ़ती है मगर वैक्सीन लगवा भी ली है, तब भी मास्क लगाना और दूरी बनाए रखना बहुत ज़रूरी है।

भ्रम; बांझ हो जाएंगे

वहीं गाँव-देहात में बहुत कम लोगों ने ही वैक्सीन लगवाई है। बहुत सारे लोगों के मन में ये भ्रम भी है कि वैक्सीन लगवाने से कोरोना वायरस फैलता है। 

वैक्सीन से लोग बीमार पड़ जाते हैं और फिर उनकी मौत हो जाती है। इस वजह से काफी सारे लोग वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं। बहुत सारे युवाओं के मन में ये भी है कि वैक्सीन लगाने से शादी के बाद पत्नी को बच्चा पैदा नहीं हो पाएगा, सब दीन (हमेशा) के लिए बांझ हो जाएगा

ग्राम में एम्बुलेंस तक का अभाव

बहुत सारे लोगों ने तो अस्पताल भी जाना बंद कर दिया है। यहां पर बहुत सारे अस्पतालों में कोरोना मरीज़ को भर्ती करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और ना ही किसी प्रकार की सरकारी एम्बुलेंस और ऑक्सीज़न की सुविधा उपलब्ध है।

हाट-बाज़ार में लोग बिना मास्क पहने और लापरवाही से घूम रहे हैं।

क्या सोचते हैं ग्रामीण?

बस्ती के दलित परिवारों से बात करने पर यह जानकारी मिली है कि गाँव के लोग वैक्सीन लगवाने से डरते हैं, क्योंकि ज़्यादातर लोग गरीब परिवारों से हैं।

लोगों का कहना है कि हम लोग रोज़ कमाने-खाने वाले लोग हैं, अगर वैक्सीन लगवा लेंगे तो बीमार पड़ जाएंगे और अगर बीमार पड़ गए, तो हमारे बच्चों और परिवार को कौन राशन-पानी देगा?

कौन बनाकर खिलाएगा हम लोगों को? हमारे इलाज के लिए तो सरकारी अस्पताल भी अच्छे नहीं हैं और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए रूपये भी नहीं है। फिर हम लोग वैक्सीन क्यों लगवाएं?

अस्पतालों में इज़्ज़त लूट ली जाती है

कई महिलाएं ये भी सोचती हैं कि इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती होने पर कहीं-कहीं इज़्ज़त भी लूट ली जाती है। वहीं, लोग किसी-किसी  की किडनी निकाल लेने की बात भी करते हैं और प्रशासन, थाना या पुलिस को शिकायत करने पर कोई कार्यवाही भी नहीं होती है इसलिए लोगों का कहना है कि हम लोग जैसे हैं, वैसे ही रहेंगे! लेकिन वैक्सीन नहीं लगवाएंगे।

वहीं जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई है, उनका कहना है कि शरीर में जहां वैक्सीन लगाई है, वहां पर दर्द होता है। साथ ही बुखार और सिर में हल्का दर्द भी होता है, लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए और वैक्सीन ज़रूर लगवाना चाहिए।

बहुत से क्षेत्रों में यह भी देखने को मिला है कि लोगों में कोरोना का कोई डर नहीं है, लोग बिना मास्क लगाए हाट-बाज़ार जा रहे हैं। वहीं, प्रशासन भी इसकी कोई देख-रेख नहीं कर रहा है।


नोट: इस आर्टिकल को YKA पब्लिशर युवानिया के लिए अखिलेश ने लिखा है, जिसे YKA पब्लिशर्स प्रोग्राम के तहत प्रकाशित किया गया है। अखिलेश, बिहार के अररिया ज़िले से हैं और सामाजिक परिवर्तन शाला से जुड़े हैं। गाने लिखना, गाना और सबको खेल खिलाने में माहिर हैं वो। अखिलेश, जन जागरण शक्ति संगठन के साथ मिलकर अपने समुदाय के लिए काम करते हैं।

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