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सफल होने के लिए ज़िन्दगी की चुनौतियों से मत डरिए, निडर होकर सामना करिए

Business man pushing large stone up to hill , Business heavy tasks and problems concept.

इस संसार में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है, जिसकी ज़िदगी में चुनौतियां ना आती हों। जिंदगी कभी हंसाती है और कभी रुलाती भी है लेकिन यह हमें बहुत कुछ सिखाती भी है लेकिन जो ज़िंदगी की चुनौतियों का सामना करने से डरता है, उसका असफल होना निश्चित है।

हम सब जानते हैं कि समय परिवर्तनशील होता है। एक वक्त ऐसा आता है, जब हम सातवें आसमान पर होते हैं और कभी एक वक्त ऐसा भी आ जाता है, जब हम कुछ भी नहीं होते हैं। परेशान हो जाते हैं और सामने आई मुसीबतों से हम डर जाते हैं और पूरी तरह से हार मान लेते हैं लेकिन यह आपकी परीक्षा का समय है, जब आपको ज़िंदगी की चुनौतियों का सामना करना है।

हरिवंशराय बच्चन की लिखी एक कविता आपका मनोबल बढ़ाने के लिए काफी है।

तू ना थकेगा कभी,

तू ना रुकेगा कभी,

तू ना मुड़ेगा कभी,

कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,

अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

जी हां!  जीवन से मिली चुनौतियों का डटकर सामना करना चाहिए, तभी तो कहते हैं, “हिम्मत ए मर्दा, मदद ए खुदा” आज हम आपके साथ कुछ ऐसी बातें शेयर करने वाले हैं, जो कि आपके डर को कम करके आपको आगे बढ़ने की हिम्मत भी देगी।

चुनौतियां क्यों ज़रूरी होती हैं?

जिस प्रकार मेहनत आपके हुनर को निखारती है, उसी प्रकार जीवन मे आने वाली बार बार चुनौतियां आपको अंदर से मज़बूत करती है जब आप एक चुनौती का सामना कर आगे बढ़ते हो तो आपके हौसले और भी मज़बूत होते जाते हैं।

इसलिए जीवन मे चुनौतियां ज़रूरी है, यदि आप बिना किसी चुनौती के किसी भी मुकाम को हासिल कर रहे हैं तो उस मुकाम के प्राप्ति कि कोई अहमियत नहीं होती है। इंसान के जीवन मे जितनी चुनौतियां होंगी वो उतना ही अपनी ज़िन्दगी मे सीखेगा और साथ-साथ उतनी ही वो ग्रोथ भी करेगा। इंसान बिना किसी के सहारे यानी अधिक से अधिक खुद पर निर्भर हो सके, इसलिए इंसान का जीवन चुनौतियों से भरा रहता है क्योंकि दूसरे के ऊपर निर्भरता आपको एक कमज़ोर इंसान बनाती है।

जीवन एक खेल है, इसमें आपको चुनौती तो सामने वाले से मिलेगी, जब हम जीवन को इस नज़रिये से देखते हैं, ‘अरे यार जीवन तो बड़ी ही मुश्किलों से भरा है, तो जीने में वो आनन्द नही रहता। हमें न बस अपने नजरिये को परिवर्तन करना होता है। बस! फिर देखो कमाल।

चुनौतियों का सामना कैसे करें?

जीवन एक संघर्ष से भरा होता है और उसमे चुनौतियां तो आएंगी। इनको सहन किये बिना जो हिम्मत हार जाते हैं, सफलता उनसे दूर भाग जाती है। जब समय विपरीत होता है तो मजबूत दिल के लोग और भी जोश से आगे बढ़ते हैं।

मुश्किलें ही एक दिन समाप्त होती हैं, साहसी व्यक्ति का साहस नहीं। जब किसी पक्षी के एक चूजा पैदा होता है। उसके पंख भी लग आए, पर वह उड़ना नहीं चाहता था क्योंकि उसको उड़ने से डर लगता है। उसके माता-पिता ने उसे आकाश में उड़ने के लिए बहुत प्रेरित किया, पर वह आकाश को देखते ही डर के मारे आंखें मूंद लेता, अपने घोंसले को और मजबूती से पकड़ लेता। आखिर पक्षी दंपति ने एक योजना बनाई और बच्चे को घोंसले से धक्का मारा। वह जमीन पर गिरता, उससे पहले ही झटके से उसके पंख खुल गए।

वह जमीन तक पहुंचा लेकिन एक पल भी वहां ठहरे बिना अपने पंखों को फडफ़ड़ाता हुआ वापस अपने घोंसले में पहुंच गया। यदि आप मन की मानते रहोगे तो घोंसले से आगे नहीं बढ़ पाओगे। मन को समझाओ, उसे तैयार करो। ज्ञात से अज्ञात में उड़ान भरने में डर जरूर लगेगा, पर जिसने आगे बढ़ने का संकल्प ले लिया, वह अपने प्रयास को प्रमाद की सीढ़ियों पर नहीं बैठने देगा।

जीवन चुनौतियों और संघर्षों से भरा होता है

मानव जीवन में कोई भी उपलब्धि प्राप्त करना इतना सहज-सरल नहीं है। इंसान को उपलब्धियों की राह पर कदम-दर-कदम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए कोई भी उपलब्धि बिना चुनौतियों का सामना किये हासिल नहीं होती है।

चुनौतियों संग जीवन सजीवता का आभास कराता है,चुनौतियों से संघर्ष जीवन-पथ पर दृढ़ बनाता है।

सौ गुणों की खान के बाद भी आसां नहीं सफलता,

चुनौतियों से ही कर सामना मानव शिखर छू पाता है।।

इसमें कोई दो मत नहीं कि चुनौतियों के सोपान पर चढ़कर ही मनुष्य उपलब्धियों का वरण कर पाते हैं। इसलिए कोई भी लक्ष्य निर्धारित करने से पहले मनुष्य को अपने मन-मस्तिष्क को चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार कर लेना चाहिए।

“राह की ‘चुनौतियों’ को स्वीकार कर कदम जो बढ़ाते हैं,

सफर की दुश्वारियों से निडर होकर जो चलते जाते हैं।

टकराने का जज्बा जो रखते हैं मन में चुनौतियों से ‘तरंग’,

बनते हैं शिखर पुरुष जग में किस्से उन्हीं के कहे जाते हैं।”

बिना चुनौतियों के कोई जीवन में महान नहीं बन सकता है। चुनौतियों से ही हमें प्रेरणा मिलती है। उपलब्धि हासिल करने के लिए कोई काम करने के लिए हम तत्पर नहीं भी रहते हैं लेकिन जब चुनौतियां मिलती हैं तो हम उस काम को करने के लिए तैयार हो जाते हैं और उसे जैसे भी हो पूरा कर के ही छोड़ते हैं। चुनौतियों से हमारे अंदर एक उत्साह पैदा हो जाता है कि हमें ये काम करना ही है। अमुक जब ये काम कर सकता है तो मैं क्यों नहीं कर सकता हूं।

चुनौती तो हर क्षेत्र में है और जहां हम चुनौती स्वीकार करते हैं वही सफल भी होते हैं। ऐसे बहुत से उदाहरण मिल जायेंगे कि हम वो काम नहीं करना चाहते पर किसी से चुनौती मिलती है तो हम वो काम कर लेते हैं। बहुत से छात्र कहते हैं कि मुझे डॉ बनना था तो मुझे इंजीनियर बनना चाहता था, आईपीएस बनना था लेकिन अमुक ने चुनौती दी कि तुम ये बन ही नहीं सकते और वो बन के दिख देता है।

इसलिए हम ये दावे के साथ कह सकते हैं कि बिना चुनौती के कोई उपलब्धि हासिल नहीं होती। कुछ मामलों में ये बातें नहीं हो सकती हैं पर अधिकांश मामलों में ये बात है कि चुनौतियां ही उपलब्धि हासिल कराती हैं।

निष्कर्ष :-

बिना चुनौतियों के तो किस्मत के धनी लोगों को ही उपलब्धि प्राप्त होती है। उपलब्धि के लिए चुनौतियां का सामना तो करना ही पड़ता है। किसी विशिष्ट काम को करने के लिए मार्ग में रोड़े आना स्वाभाविक बात है।परिस्थितियां भी कई बार विषम हो जाती हैं।पर उन सब का ध्यान रखते हुए अपने कर्तव्य पर निर्बाध गति स बढ़ते जाने से ही लक्ष्य सिद्धि होती है।चुनौतियों का आना और उनका सामना करना, यह तो प्राकृतिक सिद्धांत है।

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