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क्यों काॅमेडी को अभद्र बना रहे हैं लोग?

ज़माना बदलता जा रहा है। हर चीज़ में अलग प्रकार की चीज़ें जुड़ने लग गईं हैं या तो जोड़ी जा सकती हैं और अभद्र भाषा का सेवन भी काफी ज़्यादा हो चुका है।

हर चीज़ में तड़का डालने की प्रवृती आजकल के “यूथ” की गलत धारणा बन चुकी हैं। चीज़ों को नए प्रकार का बनाने की इच्छा काफ़ी ज़्यादा बढ़ चुकी है लेकिन हर चीज़ में अभ्रदता दिखाने से लोगों का असली हुनर नहीं दिखता परंतु लोगों की कॉमेडी को छोटे आंकने की प्रवृती ज़रूर दिखती है।

अभद्रता पेश करने और बोलने पर “आपका” उसको सरहाना, दिखाने वाले को और साहस प्रदान करता है। उसे लगने लगता है कि अभद्र भाषा का प्रयोग ही कॉमेडी को ‘हास्यासपद’ बनाता है, जो कि गलत है।

वहीं, ‘सोशल प्लेटफ़ॉर्म’ जैसे – YouTube, Facebook आदि जैसी जगहों ने अभद्रता पेश करने की पूरी इजाज़त दे रखी है। बड़े-बड़े यूट्यूब चैनल चलाने वालों को लगता है कि आजकल के नौजवान इन सब चीज़ो को पसंद करेंगे, जो कि लोग करते भी हैं।

ज़रा आप सोचिए क्या वाकई आजकल के बच्चे और नौजवान बस अभद्र भाषाओं की तरफ़ नज़र रखेंगे? और हमारी दुनिया ऐसी बनती जा रही है, क्योंकि साफ और अच्छी कॉमेडी को आजकल कोई नही सराहता, जबकि सिर्फ जहां अभद्र चीज़ें दिखें, वहां लोग खींचे चले आते हैं।

अभद्र भाषा का प्रयोग करने वालों को लगता है कि कोई भी “कंटेन्ट” के पीछे अभद्रता इस्तेमाल करने से वह बहुत ‘ऊंचे’ और ‘दबदबे’ वाले प्रतीत होंगे, जबकि वह स्वयं भी यह जानते है कि वह गलत हैं।

कॉमेडी में अव्वल वही होते हैं, जिन्हें यह पता हो कि हंसी क्या और किस तरीके से पेश करने पर आएगी।

ध्यान रखिए, अभद्र भाषा का प्रयोग वे ही करते हैं, जिन्हें अपनी योग्यता पर विश्वास न हो।  हमें यह याद रखना होगा की आजकल की पीढ़ी को हम क्या दिखा रहे हैं? उन्हें जो दिख रहा है, वह वाकई ऐसा है या फिर बस “views” और “subscription” के लिए किया जा रहा है?

अंततः कॉमेडी को एक अच्छी परिभाषा दें। उसका सही महत्व जानें। अगर आज की कॉमेडी देखकर हमारी नौजवान जनता इसको अभद्रता से जोड़ने लगे, तो प्रतिभाओं को ढूंढना मुश्किल हो जाएगा? उस पूरी “हास्यप्रक्रिया” को बनाने  के पीछे की सोच जानकर ही आप उसे पसंद करें।

इन सब चीज़ों को मान्यता देने से अगर अंग्रेज़ी में कहें, तो ‘ह्यूमर’ कि कमी और बढ़ते भारत में अभद्रता की बढ़ोतरी हो जाएगी।

क अच्छा  ‘कंटेन्ट’ रास्ते में किसी लड़की को छेड़ देना और ‘प्रैंक’ कहकर भाग जाने को नही मानना चाहिए बल्कि एक अच्छे ‘कंटेंट’ थोड़ा सोच-विचार और अच्छी भाषा का प्रयोग करके भी तो बनाया जा सकता है?

अच्छी चीज़ों एवं हुनर को सराहें और पसंद करें। बुरी भाषा , अभद्रता और बिना मतलब की बात करके ‘views’ एवं ‘likes’ के पीछे भागने का धंधा बंद करें।

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