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यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया पर लगे फंड के दुरुपयोग

# हालिया वर्षों में 20 छात्रों की ट्रेकिंग के दौरान मौत*

 

* निकाय सदस्य सालों से जबरन डटे हैं पदों पर*

 

* वोटिंग के अधिकार को लेकर रिट याचिका दायर*

 

 

नई दिल्ली:3 दिसंबर २०२१ 

 

 

यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (YHAI) में घोर कदाचार को उजागर करने के लिए प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। ट्रैकिंग कार्यक्रम के दौरान 20 छात्रों की मौत, सरकारी धन के खुले तौर पर दुरुपयोग और निकाय चुनावों में मनमानी प्रथाओं सहित यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया में घोर कदाचार के मद्देनजर, YHAI के खिलाफ ऐसे व्यक्तियों द्वारा लगातार शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिन्होंने 3 दशकों से संगठन के सक्रिय सदस्य हैं।

 

यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया – YHAI एक निकाय है, जो अपने नियमों और विनियमों द्वारा शासित है और देश में इसकी YHAI और विभिन्न YHAI राज्य शाखाएँ / निकाय / अध्याय हैं।

 

 

YHAI की ईस्ट यूनिट दिल्ली स्टेट ब्रांच के चुनाव में ‘वोट के अधिकार’ की मांग करते हुए पूर्व में एक रिट याचिका भी दायर की गई थी। याचिकाकर्ता सरोज गुप्ता 30 वर्षों से YHAI आजीवन सदस्य हैं।

 

 

श्रीमती सरोज गुप्ता, आजीवन सदस्य, YHAI ने कहा, “मेमोरेंडम एंड रूल्स एंड रेगुलेशन ऑफ एसोसिएशन के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनाव कराने के लिए ‘जांच समिति’ नियुक्त करनी थी जिसे अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। यह उल्लेख करना उचित है कि YHAI बंद दरवाजों में चुनाव कराने की कोशिश कर रहा है ताकि वे खुद को या अपनी पसंद के सदस्यों को चुन सकें।YHAI सरकार के तहत विभिन्न मंत्रालयों से वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहा है। भारत सरकार और साथ ही राज्य सरकारों की संस्थाओं से इसे वित्तीय सहायता प्राप्त है। इनमें युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय विभाग, भारत सरकार द्वारा भी YHAI को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।

 

 

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में मीडिया को संबोधित करते हुए वाईएचएआई के आजीवन सदस्य श्री प्रभाकर कौशिक ने कहा कि “निर्वाचित निकायों का कार्यकाल 3 वर्ष है और जब भी ऐसे निकायों का गठन किया जाता है, तो इन निकायों का चुनाव निर्धारित अवधि के भीतर होना चाहिए, ताकि नव निर्वाचित निकाय तुरंत पद ग्रहण कर सके। पूर्व निकायों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। यदि चुनाव नहीं होते हैं, तो यह एक विशेष निकाय को जारी रखने के लिए बनाए रखने का परिणाम है।इसके उलट सेवानिवृत्त लोग अभी भी युवाओं को दरकिनार कर अपने पदों पर डटे हुए हैं।“

 

 

” इस सिस्टम को बदलने का अब सही समय आ गया है । प्रतिष्ठित संस्थान जैसे यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (वाईएचएआई) को त्रस्त कर दिया है। पदाधिकारी अपने पदों पर कई वर्षो से चिपके हुए हैं और सिस्टम में कोई पारदर्शिता नहीं है। यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों को भी बीसीसीआइ के नियम होने चाहिए l 

राज्य शाखाएं, जो भ्रष्ट प्रणाली के साथ नहीं देती उन्हे मान्यता से वंचित कर दिया जाता है और ईमानदार सदस्यों को निष्कासित कर दिया जाता है। वर्तमान में YHAI के खिलाफ लगभग 50 सिविल मामले चल रहे हैं। इस प्रकार, YHAI में RTI लागू करना अनिवार्य हो गया है , सीएजी को YHAI के बही खातों का ऑडिट करना चाहिए और प्रबंधन की ओर से लापरवाही के कारण निर्दोष ट्रेकर्स की मौत की जांच की जानी चाहिए , श्री मनिंदर सिंह, आजीवन सदस्य YHAI के ने कहा l

 

उन्होंने आगे कहा, यह YHAI की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह RTI के तहत YHAI को संलग्न करने के लिए सार्वजनिक धन की पारदर्शिता और सार्वजनिक प्राधिकरण की जवाबदेही सुनिश्चित करे और दार्जिलिंग, बेंगलुरु और ऊटी हॉस्टल की खरीद में उपयोग किए गए विभिन्न बैंक खातों का CAG ऑडिट सुनिश्चित करे।

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