कोरोना की महामारी में जहां आम आदमी का जीवन अस्तव्यस्त हो चुका है वहीं पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामो ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है। सरकारी तेल कंपनियों की मुनाफाखोरी एक बार फिर जनता की जेब पर भारी पड़ रही है। दिसंबर में कच्चे तेल (क्रूड) के दाम घटे। उसी हिसाब से कंपनियां दाम घटातीं तो पेट्रोल 8 रुपए और डीजल 7 रुपए/लीटर सस्ता होता सकता था । दिवाली से ठीक पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 5 रुपए/ लीटर, जबकि डीजल पर 10 रुपए/लीटर घटाई थी। ज्यादातर राज्यों ने भी वैट घटाया। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में थोड़ी कमी आई। लेकिन आम आदमी आज भी महगाई की मार झेल रहा है ।
तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के आज (05 जनवरी 2022) के रेट जारी कर दिए हैं. तेल विपणन कंपनियों ने आज (बुधवार) भी पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. राष्ट्रीय स्तर पर दो महीने से वाहन ईंधन (Fuel Price) पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर हैं. भारतीय पेट्रोलियम विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) के लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, दिल्ली में 05 जनवरी को पेट्रोल 95.41 रुपये और डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर पर टिका है.
इन राज्यों में 100 रुपये के पार पेट्रोल का भाव
मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पेट्रोल का भाव 100 रुपये के पार है. महानगरों में पेट्रोल-डीजल सबसे सस्ता दिल्ली और सबसे महंगा महाराष्ट्र में बिक रहा है.
महगाई को कम करने में नाकाम सरकार
आम आदमी की मदद करने के लिये सरकार के द्वारा कोई भी ठोस कदम नही उठाये गए।विगत वर्षों में महगाई लगातार बढ़ती जा रही है, यही हाल रहा तो कुछ ही महीनों में पेट्रोल डीजल 150 रुपए प्रति लीटर पार कर जाएगा। सरकार को आम आदमी की मदद करने के लिए अपनी योजनाओं में बदलाव लाने की सख्त जरूरत है।