Site icon Youth Ki Awaaz

वृक्षारोपण योजना के साथ उसकी क्रियान्वयन नीति पर भी गंभीर हो सरकार

वृक्षारोपण योजना के साथ उसकी क्रियान्वयन नीति पर भी गंभीर हो सरकार

सरकार एवं सरकारी सिस्टम का ध्यानाकर्षण करना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रति वर्ष अरबों रुपये खर्च करके वृक्षारोपण कराया जाता है किन्तु इसके फलस्वरूप कितने वृक्ष तैयार हुए इसका हिसाब भी होना चाहिए।

एक सामान्य घटना प्रसंगवश वर्णनीय है। जनपद प्रयागराज की तहसील फूलपुर में ग्राम पंचायत परमानन्दपुर जहां जून माह में वृक्षारोपण योजना के अन्तर्गत सरकारी सुरक्षित भूमि पर मनरेगा के माध्यम से वृक्षारोपण कराया गया था, किन्तु अभी पांच माह बाद वहां रोपित सैकड़ों वृक्ष गायब हो गए!

आखिर क्यों? इसका जवाब भी है कि वहां काम शुरू होते ही गाँव के पूर्व प्रधान एवं उनके सहयोगी जिनका भूमि पर पुस्तैनी भूमिधारी के समान कब्जा था, भूमि को जोत कर सब रोपित वृक्षों को नष्ट कर दिया गया।

ऐसा भी नहीं है कि इसकी शिकायत नहीं हुई किन्तु गाँव का आदमी अपनी शिकायत पर पैरवी तो कर नहीं पाता सरकारी पेड़ों के लिए रोज़ कौन दौडेगा? अब क्या उन्हें यही काम है फिर भी वहां के लोग साहस के साथ नाम लिखकर देने को तैयार हैं किन्तु सरकारी सिस्टम ही लाचार है।

पर्यावरण प्रेमियों एवं सरकार का ध्यानाकर्षण करते हुए कहना है कि सरकारी राजस्व ऐसे ही बरबाद होता रहेगा रहेगा, जब तक सरकारी सिस्टम उसे अपनी संपत्ति की भांति बचाने के लिए तैयार नहीं होगा। यह सिर्फ एक गाँव की बात नहीं है, ऐसे ही बहुत जगहों पर लाखों वृक्ष रोपित होते हैं, फोटो खींची जाती है और कुछ दिन में दबंगों का कब्जा स्थापित होने के बाद वहां रोपित वृक्ष गायब हो जाते हैं।

अतः सरकार और सरकारी सिस्टम यदि वृक्ष एवं पर्यावरण सुरक्षा हेतु गंभीर है और पर्यावरण प्रेमियों तक मेरी बात पहुंच रही है, तो यहां कम-से-कम लोग साहस करके नाम बताने वाले मौजूद हैं।

थाना मऊआइमा में इस सम्बन्ध में शिकायतें हुई हैं और लोगों द्वारा 112 पर भी सूचना दी गई थी, किन्तु कार्यवाही के अभाव में दबंगों के हौसले बुलंद हैं। आज सौ वृक्ष नष्ट हुए हैं, तो कल हज़ारों नष्ट कर दिए जाएगें फिर कोई बोलने की हिम्मत भी नही करेगा, क्योंकि जब कुछ होना ही नहीं है, तो वे क्यों दबंगों से अपनी दुश्मनी मोल लें।

यदि सिस्टम गंभीर है शिकायत पर अमल हो तो यह एक मिशाल पेश होगी। एक गाँव में दुष्कृत्य करने वाले दण्डित होगें तो कानून व्यवस्था के प्रति सकारात्मक संदेश जाएगा और अपराधियों को कानून का भय लगेगा वरना अभी तो स्थित यह है कि दबंग गैंग कहते घूम रही है कि हम जो चाहे करेंगे और हमारा कौन क्या कर लेगा?

वृक्षारोपण करने के दौरान दबंगों से डरे मनरेगा मज़दूर साइट पर जाने से कतरा रहे थे और 112 आने के बाद बड़ी हिम्मत करके वृक्ष लगाने गए थे।

Exit mobile version