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“मैंने अपने सपनों की उड़ान को पूरा करने के लिए खुद को आत्मनिर्भर बनाया”

"मैंने अपने सपनों की उडान को पूरा करने के लिए खुद को आत्मनिर्भर बनाया"

हेलो मेरा नाम रूबी है। मैं फेमिनिस्ट एप्रोच टू टेक्नोलॉजी में स्टाफ के रूप में काम करती हूं। यहां आने के चार साल पहले मेरी एक अलग ही पहचान थी। मैं लोगों से ज़्यादा बात नहीं करती थी और बड़ों के सामने तो बिल्कुल भी नहीं बोलना होता था। 

मैं अपने परिवार में एक संस्कारी लड़की के रूप में देखी जाती थी, जब मेरी परीक्षा होती तो पास होने के लिए पूजा-पाठ करना या अच्छा पति मिल जाए उसके लिए व्रत रखना इन सबको ज़्यादा मानती थी।

मेरा सपना था कि मैं 12वीं कक्षा तक की पढाई अच्छे से पूरी कर सकूं। उसके बाद बिहार जाकर शादी कर लूं। मैं बिहार से हूं और वहां पर लड़कियों को घर से बाहर निकलना, नौकरी करना, लड़कों से बात करना यह सब बहुत बड़ी बातें मानी जाती हैं।  

हमारे यहां 18 साल तक लड़कियों को शादी करनी ही होती है। चाहे उनकी मर्ज़ी हो या ना हो। मेरी भी 2 बड़ी बहनें हैं, जिनकी शादी 18 साल के होने के बाद हुई जिनमें उनकी मर्ज़ी थी भी और नहीं भी। मैंने देखा है कि इससे उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर होता है।

इसके बाद मैंने अपने घर में बोला, “मैं शादी करूंगी लेकिन अपने मनपसंद लड़के के साथ और मुझे गर्व होता है कि मेरे परिवार ने इस बात को समझा है।”

मैं पहली बार FAT 2016 में आई थी। मेरे लिए ‘जेंडर-पितृसत्ता’ की समझ मायने नहीं रखती थी। मैं घर में सबसे छोटी हूं और मुझे अपने घरवालों से बहुत प्यार मिला है लेकिन मैं यह नहीं देख पाती थी कि वो किस तरह से मेरे और मेरे भाई के बीच अलग-अलग बंट जाता है।

मैं हमेशा बात करती हूं कि इस संस्था ने मुझे एक अलग अपनी पहचान दी है। मैंने अपनी पहली इंटर्नशिप FAT में की थी। उस दौरान मैंने जो भी पैसे कमाए थे, उनका इस्तेमाल मैंने अपनी पढाई को पूरा करने के लिए किया और कॉलेज एक बहुत बड़ा कारण है, अभी तक मेरी शादी ना होने का। 

मैंने अपने परिवार में ऐसा बोला है कि ‘मैंने कॉलेज में एडमिशन ले लिया हैं और मैंने 3 साल की पूरी फीस भी भर दी है अगर आप मेरी शादी करवाते हो, तो वो पैसे बर्बाद हो जाएंगे’ घर में पैसे बर्बाद जाए यह बहुत बड़ी बात मानी जाती है और इसलिए उन्होंने मुझे अपनी कॉलेज की पढ़ाई करने की अनुमति दी।

मैं पहली बार FAT के कारण ही एरोप्लेन में बैठ पाई हूं। आज तक मेरे पूरे परिवार में कोई एरोप्लेन में नहीं गया है। उसी से मेरा परिवार बहुत मेरे ऊपर बहुत गर्व करता था कि ‘अच्छा हमारी लड़की प्लेन में बैठी है अगर हम चाहते हैं कि हमारे घरवाले हमारी बातों को समझें, तो हमें भी उन्हें समझना चाहिए।’

रूबी अपने साथियों को अपनी ज़िन्दगी के संघर्ष की कहानी बताते हुए।

जब मैंने देखा कि मेरे घर वाले मुझे समझ रहे हैं, तब मैं अपनी मम्मी के पास गई और मैंने उन्हें बताया कि मुझे एक लड़का पसंद हैं। मैं जब भी शादी करूंगी, तो उसी से करूंगी। मुझे लगा कि अब मैं पिटी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। 

मेरी मम्मी ने बोला अच्छा, मुझे देखना है कि वो लड़का कैसा है? मैंने मम्मी को फोटो दिखा दी। मम्मी ने उसका फोटो देखकर कहा कि लड़का तो अच्छा है। उससे मेरी बात कराना, जब मैंने मम्मी की उससे बात कराई, तो मम्मी ने उससे कहा की बेटा 2 साल में शादी कर लेना, क्योंकि समाज वाले अच्छा नहीं बोलते कि और कितना लंबा रिश्ता रखोगे और मम्मी को जो चीज़ें समझाईं, मम्मी ने वो चीज़ें बहुत अच्छे से समझीं पर भाई जल्दी से नहीं समझते हैं।

मेरा भाई गाँव गया और मेरे लिए एक रिश्ता देखा। मम्मी को तो मैंने बता रखा था इसलिए मम्मी ने भाई को फोन पर कहा कि कोई ज़रूरत नहीं हैं इसके लिए रिश्ता देखने की खुद ही कर लेगी, जब उसे करना होगा। यह बात मेरे भाई को लग गई। उसे लगता था की मैं उसकी छोटी बहन हूं और उसका पूरा अधिकार है मेरे लिए एक अच्छा रिश्ता देखने का।

मैं एक सेल्फ केयर प्रोजेक्ट से जुड़ी थी, जिसमें हमे खुद की देखभाल केंद्र पर करनी पड़ती है और वो मैं बिल्कुल भी नहीं करती थी। इस दौरान सेल्फ केयर को पूरा समझते हुए मैंने खुद में पाया कि मैं अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ज़्यादा ध्यान नहीं देती हूं।

इसलिए भविष्य में मैंने विपासना जाने का सोचा, जहां मैं 10 दिनों के लिए लोगों से दूर रहूंगी, ध्यान लगाउंगी और किसी से नहीं बोलूंगी, ज़ल्दी उठूंगी-सोऊंगी, फोन का इस्तेमाल नहीं करूंगी। यह सब मेरे लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होगा, क्योंकि मेरी अब तक की दिनचर्या पूरी तरह से बिगड़ी हुई है। 

रूबी यूथ की आवाज़ की समिट के स्टेज पर अपनी कहानी बताते हुए।

मैं लेट उठती हूं और खुद पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती हूं। इसलिए अब मैं खुद पर ज़्यादा अच्छे से ध्यान दूंगी। पहले मुझे यह जानकारी नहीं थी कि कोई ऐसी भी जगह है। मैंने अपनी दोस्त को देखा और उसके विपासना के जाने-आने के बाद बदलाव देखे और वह किस तरह से रिफ्लेक्शन कर पाती हैं, यह सब देखा। उसने मुझे विपासना जाने का सुझाव दिया था और अब मैं खुद पर ध्यान देना चाहती हूं।

सवाल – आपने अपने घर में अपने सपनों के बहुत संघर्ष किया है? क्या 3 साल के बाद पढाई पूरी करने के बाद आप अपनी आगे की पढाई के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार हो या फिर शादी कर लोगी? क्या शादी के बाद खुद की  दिनचर्या या रहन-सहन में बदलाव करोगी ?

ज़वाब – मेरी पढ़ाई को लेकर अपनी बात रखना और शादी अभी नहीं करना, वो करती रहूंगी और जब तक मैं पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार नहीं होती, तब तक शादी नहीं करूंगी, क्योंकि परिवार मान जाते हैं अगर मैं पढ़ाई के लिए बोलती हूं और मैं अपने रहन-सहन में बदलाव नहीं करूंगी लेकिन अपने पार्टनर के साथ अपनी सहमति से एक-दो चीज़ें बदल सकती हूं लेकिन मेरे बाहर आने-जाने की आज़ादी को नहीं खोऊंगी, यह हमेशा बरकरार रहेगी।

रूबी मेकर स्पेस में सामान लगाते हुए।

रूबी अभी 21 वर्ष की हो चुकी हैं और अपना ग्रेजुएशन पूरा कर चुकी हैं। वर्तमान में  GISTEM (गर्ल्स इन स्टेम) टीम के साथ कार्य करती हैं। इस समय वे अपनी जिंदगी के लक्ष्यों को पूरा कर रही हैं।

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