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जानिए बिहार के गौरवशाली इतिहास के प्रतीक ‘सभ्यता द्वार’ के बारे में

जानिए बिहार के गौरवशाली इतिहास के प्रतीक 'सभ्यता द्वार' के बारे में

अगर आपको बिहार की राजधानी पटना जाने का अवसर मिलता है और आप घूमने के शौकीन भी हैं तथा बिहार के गौरवशाली इतिहास को जानने की इच्छा रखते हैं, तो आप पटना के प्रसिद्ध गांधी मैदान के निकट स्थित सम्राट अशोका कन्वेंशन केंद्र में बने “सभ्यता द्वार” का दीदार एक बार ज़रूर करें।

गंगा नदी के किनारे बना ‘सभ्यता गेट’ मुंबई स्थित ‘गेट वे ऑफ इंडिया’ एवं दिल्ली के ‘इंडिया गेट’ से भी ऊंचा है। इसमें दो छोटे एवं एक बड़े गेट बनाए गए हैं। इसके गुबंद के ऊपर अशोक स्तंभ बनाया गया है, जो हमारा राष्ट्रीय चिन्ह भी है। 105 फीट ऊंचे इस स्तंभ को मौर्य शैली वास्तुकला के साथ बनाया गया है, जिसमें राजस्थान से लाए गए रेड एवं वाइट सैंड स्टोन का प्रयोग किया गया है।

सभ्यता द्वार के ऊपरी हिस्से में कई विद्वानों के द्वारा बिहार के संर्दभ में कही हुईं बातों को लिखा गया है।

1. बुद्ध का संदेश

ह नगर आर्यावर्त का सर्वश्रेष्ठ नगर होगा और संपूर्ण आर्यावर्त का नेतृत्व करेगा परंतु इसे आग, पानी व आतंरिक मतभेद का सदैव भय बना रहेगा। 

2. सम्राट अशोक का संदेश  

दूसरे धर्मों का सम्मान करें, क्योंकि इससे ही अपने धर्म की प्रतिष्ठा बढती है और  इससे विपरीत आचरण से अपने धर्म का प्रभाव तो घटता ही है तथा दूसरे धर्म की भी क्षति होती है। 

3. महावीर

सभी जीवित प्राणियों को सम्मान देना अहिंसा है। 

4. मेगस्थनीज

पाटलिपुत्र का वैभव एवं ऐश्वर्य पर्सियन साम्राज्य के महान शहरों सुसा व इकबताना से कहीं बढ़कर है। 

इन सभी विद्वानों के द्वारा कहीं बातें आज के परिपेक्ष्य में सही साबित होती नज़र आ रही हैं। भगवान बुद्ध द्वारा कहीं बातें आज के समय में शत-प्रतिशत सही होती नज़र आ रही हैं।

बिहार आज पूरे देश का नेतृत्व कर रहा है किन्तु पानी और आंतरिक मतभेद से पूरा बिहार परेशान है। हर साल आने वाली बाढ़ पूरे बिहार को अस्त व्यस्त कर देती है और आंतरिक कलह के कारण अयोग्य लोगों के पास सत्ता चली जाती है, जिससे बिहार का विकास अन्य राज्यों की तरह नहीं हो पाता है।

इसी तरह यूनानी दार्शनिक मेगास्थनीज ने पाटलिपुत्र की वैभव की तुलना पर्सियन सम्राज्य के सुसा एवं इकतबाना शहरों से की है, वो‌ भी कुछ हद तक सही प्रतीत होती है। पाटलिपुत्र अपनी आंतरिक समस्याओं ‌के बीच हमेशा वैभवशाली रहा है। इसी तरह भगवान महावीर एवं सम्राट अशोक द्वारा दिए संदेशों पर बिहार हमेशा खड़ा होने की कोशिश करता है और कुल मिला कर सभी लोगों द्वारा कहीं बातें आज के समय में बिहार के लिए एकदम फिट बैठती हैं।

बिहार के इतिहास के अलावा यहां बने गार्डन भी पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं। गंगा रिवर फ्रंट पर होने के कारण यह और भी मनमोहक लगता है। चारों तरफ फैले रंग-बिरंगे फूलों की खुशबू से मन प्रफुल्लित होता है और साथ ही भगवान बुद्ध के संदेश जो मधुर आवाज़ में जब सुनाई देते हैं, तो लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।

यह अब बिहार के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है, जिसे रोज़ हजारों पर्यटक देखने आते हैं, जहां पर्यटकों को बिहार के इतिहास के साथ-साथ मनमोहक नज़ारे भी देखने को मिलते हैं। कुल मिलाकर सभ्यता द्वार मनोरंजन के साथ-साथ बिहार के गौरवशाली इतिहास के प्रति सोचने को हमें मज़बूर करता है।

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