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मेरे पसंदीदा नेता राहुल गांधी

मेरे पसंदीदा नेता राहुल गांधी

राहुल गांधी का जन्म गांधी परिवार में हुआ था, वो गांधी परिवार जिसको हमारा पूरा देश कुर्बानियों के लिए जानता है। राहुल  गांधी ने पहले अपनी दादी फिर अपने पिता को खोया लेकिन उन्होंने हिम्मत दिखाई और राहुल एक मात्र ऐसे नेता हैं, जिन्होंने पूरे विपक्ष के दलों को अपनी ताकत का एहसास दिला दिया है।

राहुल गांधी 4 बार संसद सदस्य, पूर्व कॉंग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हैं। वह पहली बार 2004 में लोकसभा के लिए चुने गए थे, जिस साल कॉंग्रेस सत्ता में आई थी। उन्होंने उस समय सरकार में किसी भी बड़े मंत्रालय के मंत्री का पद ना लेकर वरन युवा कॉंग्रेस और एनएसयूआई संगठन को पुनर्जीवित करने की ज़िम्मेदारी के लिए संघर्ष का रास्ता चुना और उन्होंने अपनी इस ज़िम्मेदारी को बड़ी कुशलता पूर्वक निभाया भी है।

उन्होंने युवा कॉंग्रेस और एनएसयूआई में चुनाव प्रक्रिया शुरू की, जिसमें उन्होंने योग्य एवं हर तबके से आने वाले उन लोगों के लिए कॉंग्रेस के द्वार खोले जिनका पहले कोई नेतृत्व नहीं था। उनके इस गतिशील एवं कुशल नेतृत्व में, युवा कॉंग्रेस ने 25 लाख प्राथमिक सदस्यों की ऐतिहासिक छलांग देखी।

कॉंग्रेस के बुरे दौर में भी एक योद्धा की तरह खड़े रहे

2014 का दौर आया, वह कॉंग्रेस का सबसे बुरा दौर था, जब उन्होंने कॉंग्रेस को मज़बूत करने के लिए उसे अपने  नियंत्रण में लिया और पार्टी को अकेले ही मज़बूत करने की कोशिश की। इस चरण के दौरान कोई भी युवा और पुराना साथी उनके साथ नहीं था और उन्होंने पार्टी के ही पुराने और योग्य कार्यकर्ताओं और इस देश के नागरिकों के समर्थन के आधार पर यह सब अकेले करने का प्रयास किया।

जब 2018 में कॉंग्रेस पार्टी ने 3 राज्यों में जीत हासिल की, तो राहुल गांधी ने स्थानीय नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को इसका पूरा श्रेय दिया लेकिन जब पार्टी ने 2019 में खराब प्रदर्शन किया तो उन्होंने इसकी नैतिक रूप से सम्पूर्ण ज़िम्मेदारी भी ली और नैतिकता के आधार पर कॉंग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

उन्होंने कभी अपनी पार्टी से कोई पद और सम्मान नहीं मांगा बल्कि पार्टी को जितना वो दे सकते थे, उन्होंने हमेशा उतना दिया। मीडिया, विपक्ष और यहां तक ​​कि उन्हीं के पार्टी संगठन के भीतर उनका मज़ाक उड़ाया गया, उनका नाम उछाला गया, जिसके लिए उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी दे दी।

सत्ता में बैठे लोग और देश का चाटुकारिता मीडिया आपको यह विश्वास दिलाते हैं कि वह ‘पप्पू’ हैं लेकिन मैं आपको बता दूं कि वह ऐसे नहीं हैं, वह ईमानदारी और करुणा से परिपूर्ण आदमी हैं। वह और उनकी पार्टी कॉंग्रेस अपने बुरे दौर में चल रही है लेकिन इस देश और आने वाली पीढ़ियों के अच्छे और भलाई के लिए वह हमेशा साथ खड़े रहे हैं।

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