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बांधकर यादों की गठरी चले नया घर ढूंढने

woman

कुछ पुरानी यादें ,बिखरे फैले सामान

बाँधे यादों की गठरी ढूंढने नया मकान

समेटना है बहुत कुछ पर क्या – क्या समेटे?

मुश्किल बहुत है साथ सब लेकर जाना

पीछे छोड़ वो दीवारें, सर टिका देखा करते थे आसमान,

कुछ पड़ोसी जो आते थे सुख – दुःख में काम,

वो कमरा जहां हुआ करती थी, अपनों से मीठी बातें

बालकनी से झाकंती-टकराती आंखें,

बहुत कुछ है छोड़ जाना -कीमती सामान

चल पड़े है ढूंढने नया मकान।

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