भारत की नारियों ने हर स्थान पर चाहे वह खेल हो या राजनीति अपनी काबिलियत से देश को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को हतप्रभ कर दिया है। परंतु ऐसे कुछ कोने है जहां हमारे देश की महिलाएं पहुंची तो है मगर उनकी संख्या कम है और इसमें से एक क्षेत्र है STEM जिसे हम साइंस टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स की फील्ड के नाम से जानते है।
भारत में लगभग 43% महिलाएँ STEM में स्नातक हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है। किंतु भारत में STEM क्षेत्र में नौकरियों के मामले में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 14% है। लोगों का यह कहना है लड़कियां मैथ्स और साइंस में अच्छी नहीं होती लेकिन न ही इसका कोई सबूत है न ही इसमें कोई सच्चाई! क्योंकि अगर ऐसा होता तो शकुंतला देवी जिनको ह्यूमन कंप्यूटर के नाम से जाना जाता है वह एक महिला नहीं होती।
महिलाओं के STEM जैसे क्षेत्र में भाग न लेने के कई कारण है जिसमे से पहला लोगो की सोच जिसे पहले खंड में बता दिया गया है और दूसरा कारण है, रूढ़िवादिता! ‘STEM’ क्षेत्र में महिलाओं की कमी न केवल कौशल की अपर्याप्तता के कारण है, बल्कि यह रूढ़िवादी लैंगिक भूमिका का भी परिणाम है।
तीसरा कारण है पितृसत्ता– काम पर रखने या फेलोशिप और अनुदान आदि देने में पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया जाता है।
भारत सरकार ने महिलाओं के भागीदारी के लिए कई योजना शुरू किए है जैसे
विज्ञान ज्योति योजना
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा विज्ञान ज्योति योजना शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य स्टेम शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिशत बढ़ाना है। इस योजना के अंतर्गत छात्राओं के लिये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में विज्ञान शिविर का आयोजन किया जाएगा, साथ ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कॉर्पोरेट, विश्वविद्यालयों तथा डीआरडीओ जैसे शीर्ष संस्थानों में कार्यरत सफल महिलाओं से शिविर के माध्यम से संपर्क स्थापित करवाया जाएगा।
GATI (गति) योजना
जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टीट्यूशंस (GATI) STEM में लिंग समानता का आकलन करने के लिये एक समग्र चार्टर और रूपरेखा तैयार करेगा।
KIRAN (किरण) योजना:
किरण (KIRAN) का पूर्ण रूप ‘शिक्षण द्वारा अनुसंधान विकास में ज्ञान की भागीदारी’ (Knowledge Involvement in Research Advancement through Nurturing) है। KIRAN योजना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में लैंगिक समानता से संबंधित विभिन्न मुद्दों/चुनौतियों का समाधान कर रही है।
इस समस्या का समाधान केवल योजना से नही निकलेगा परंतु समाज एवं सरकार को एक हाथ जुट कर काम करना पड़ेगा। सामाजिक स्तर पर जिसके लिये दीर्घकालिक प्रयास की आवश्यकता होती है और नीति व संस्थागत स्तर पर, जिसे तत्काल प्रभाव से शुरू किया जा सकता है। घरों में औरतों एवं पुरुषों में बरारी हो एवं घर के बड़ो को लड़कियों को इस क्षेत्र में जाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और सरकार का कार्य यह जानना है की उनके द्वारा बनाई गई योजना का लाभ लाभार्थियों तक पहुंच रहा है या नही और अगर नही तो उसे यह निश्चित करना चाहिए कि यह जरूर पहुंचे।