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फिरोजाबाद के गाँव से निकली आज युवाओं की प्रेरणा बन चुकी हैं सोनम यादव

youth cricketer fro UP sonam yadav

शारीरिक क्षमता में महिलाओं को हमेशा से ही पुरुषों से कम समझा जाता रहा है। रूढ़ीवादी सोच के चलते खेल जगत में कभी महिलाओं के लिए जगह बना पाना आसान नहीं था। लेकिन, आज बेटियों व महिलाओं ने अपनी शारीरिक क्षमता को बढ़ाते व कई संघर्षों को पार करते हुए विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना ली है और अब आत्मनिर्भर भारत की बेटियां किसी से भी कम नहीं हैं।

आधुनिक युग में जहां ज्यादातर लड़कियां और महिलाएं पढ़ाई, किटी पार्टी, घूमने-फिरने या फिर मोबाईल में व्यस्त दिखाई देती हैं। वहीं, हमारे देश में कुछ ऐसी भी प्रतिभाएं भी हैं, जिन्होंने जीवन के संघर्ष व मुश्किलों के दौर में भी कभी हार नहीं मानी। उन्होंने रूढ़िवादी सोच को दरकिनार करते हुए अपना लक्ष्य निर्धारित कर, दिन-रात की कड़ी मेहनत से गुजरने के बाद आज, खेल जगत के प्रत्येक क्षेत्र में क्रिकेट से लेकर बैडमिंटन और मुक्केबाजी से लेकर लंबी कूद तक अपना नाम दर्ज कर रही हैं। ये महिलाएं न सिर्फ, देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। कई विश्व रिकॉर्ड बनाकर भारत के साथ-साथ अपने गाँव या शहर और लोगों का नाम भी रोशन कर रही हैं।

क्रिकेट की दुनिया में पैर जमाती सोनम

अपने अपने क्षेत्र में कई भारतीय महिला खिलाड़ी इतना शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। कि, उनकी रैंकिंग आज दुनिया की टॉप खिलाड़ियों में शामिल हो गई है। जिन खेलों में अब तक पुरुषों का दबदबा था, वहां भी महिलाएं और बेटियां आज सफलता का परचम लहरा रही हैं। ऐसा ही एक विश्व प्रसिद्ध खेल है क्रिकेट। जिसमें, उत्तर प्रदेश के जनपद फिरोजाबाद की रहने वाली क्रिकेटर सोनम यादव महिला क्रिकेट की सशक्त आवाज़ बनकर उभरीं और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई। तो, चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं इनकी सफलता की प्रेरणा देती कहानी।

कौन है सोनम यादव

सोनम यादव का जन्म 18 जुलाई 2007 को उत्तर प्रदेश के जनपद फिरोजाबाद की तहसील सदर की ग्राम पंचायत अलीनगर कैंजरा स्थित गांव राजा का ताल के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम मुकेश कुमार यादव है। उनके पिता कांच के एक कारखाने में काम करते हुए अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति सोनम की विशेष रुचि थी। जिस उम्र में ज्यादातर लड़के-लड़कियां पढ़ाई, पार्टी, घूमने-फिरने में स्वयं को व्यस्त रखते हैं। ऐसे में इन सब से दूर सोनम यादव पढ़ाई के साथ-साथ अपना अधिकतर समय क्रिकेट के मैदान में कड़ी मेहनत और लगन से प्रेक्टिस किया करती। आखिर एक दिन उनकी मेहनत रंग लाई और महज 16 साल की उम्र में भारतीय महिला अंडर-19 टीम की तरफ से टी20 खेलते हुए सोनम यादव ने भारत के लिए छह मैच खेले। मैच खेलते हुए उन्होंने चार विकेट लिए और वर्ल्ड कप जीतने में अपनी अहम भूमिका निभाई। अब उनका सपना भारत की सीनियर महिला टीम के लिए खेलना है। सोनम एक प्रतिभाशाली ऑलराउंडर और बाएं हाथ से स्पिन के अलावा मध्यक्रम की बेहतरीन बल्लेबाज भी हैं।

बचपन से ही क्रिकेट में थी दिलचस्पी

अपने घर के नजदीक ही एक मैदान से क्रिकेट का सफर शुरू करने वाली सोनम यादव गेंदबाजी करते हुए अक्सर अपनी उम्र से बड़े खिलाड़ियों को आउट कर दिया करती थीं। क्रिकेट के प्रति सोनम की गहरी रुचि को देखते हुए परिजनों ने उनका एडमिशन फिरोजाबाद के ही एक क्रिकेट कोचिंग सेंटर में कराया। अपनी प्रतिभा के दम पर उन्होंने भारतीय अंडर-19 टीम में जगह बनाई। इसके बाद सोनम को चार दिन की विशेष ट्रेनिंग के लिए गोवा भेजा गया। टीम में चयन होने के बाद उन्हें आगे की ट्रेनिंग के लिए विशाखापटनम भेज दिया गया। सोनम अपनी कामयाबी का श्रेय पिता, भाई अमन यादव, कोच रवि यादव और विकास पालीवाल को देती हैं।

क्रिकेटर सोनम यादव की मां गुड्डी देवी बताती हैं, “सोनम जब 13 साल की थीं, तभी से क्रिकेट के प्रति उसका काफी लगाव रहा है। आज मेरी बेटी जहां है वहां तक पहुंचने के लिए उसने कड़ी मेहनत की है और मुझे खुशी है कि मेरी बेटी ने देश को गौरवान्वित किया है। वह अन्य महिलाओं और युवाओं के लिए भी प्रेरणा का श्रोत है।”

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