कैसा रहा आपके वर्क फ्रॉम होम का अनुभव?
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कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों से लेकर अब तक हम में से औसत लोग जो किसी ना किसी सेक्टर में नौकरियां कर रहे हैं, उन्होंने घरों में रहकर वर्क फ्रॉम होम किया, जो अब भी कई कंपनियों में जारी है।
लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में वर्क फ्रॉम होम को लेकर एक आम राय यह बनी कि इससे ज़्यादातर लोगों का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है, फिर धीरे-धीरे हमें इसकी आदत लग गई। अब जब फिर से देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, तो ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या अब वर्क फ्रॉम होम, वर्क कल्चर का हिस्सा बन जाएगा?
आइए हम और मिलकर वर्क फ्रॉम होम के अपने अपने अनुभवों पर बात करते हैं।