{"id":529762,"date":"2020-07-05T08:00:44","date_gmt":"2020-07-05T02:30:44","guid":{"rendered":"https:\/\/www.youthkiawaaz.com\/?p=529762"},"modified":"2020-08-07T17:39:46","modified_gmt":"2020-08-07T12:09:46","slug":"how-the-native-languages-can-be-saved-hindi-article","status":"publish","type":"post","link":"https:\/\/www.youthkiawaaz.com\/2020\/07\/how-the-native-languages-can-be-saved-hindi-article\/","title":{"rendered":"\u091c\u093e\u0928\u093f\u090f \u092e\u0942\u0932\u0935\u093e\u0938\u0940 \u092d\u093e\u0937\u093e\u090f\u0902 \u0915\u094d\u092f\u094b\u0902 \u0932\u0941\u092a\u094d\u0924 \u0939\u094b \u0930\u0939\u0940 \u0939\u0948\u0902 \u0914\u0930 \u0909\u0928\u094d\u0939\u0947\u0902 \u0915\u0948\u0938\u0947 \u092c\u091a\u093e\u092f\u093e \u091c\u093e\u090f"},"content":{"rendered":"

किसी भी समुदाय की वास्तविक स्थिति और विचारधारा को उनके भाषा के द्वारा समझा जा सकता है। आज के ग्लोबलाइज़ेशन के युग में जब सब कुछ एक जैसा हो रहा है, तब हम आदिवासियों और मूलवासियों की धनी संस्कृति को संरक्षित करने की चुनौती से जूझ रहे हैं।<\/p>

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यूनाइटेड नेशन्स ने 2019 को मूलवासी भाषाओं का अंतरराष्ट्रीय साल घोषित किया था।<\/figcaption><\/figure>

UNESCO<\/a> भाषाओं को “सुरक्षित” और “लुप्त” के दो पैमानों के बीच रखती है। जो भाषाएं खतरें में हैं, यानी उनके बोलने वालों कि आबादी घट रही है, उन्हें 4 श्रेणियों में रखा गया है। ये हैं,<\/p>