इसी का परिणाम है कि निधि करीब दो सालों से दिल्ली स्थित नांगलोई में राणा आईज सेंटर नाम से उनका एक क्लिनिक चला रही हैं। जिसमें वो हर गुरुवार को लोगों का मुफ्त में इलाज करती हैं। उनका कहना है कि दिल्ली में प्रदुषण के चलते लोगो में आंखों से सम्बंधित समस्याएं बढ़ रही हैं। आंखों से सम्बंधित समस्या जल्दी लोगों के समझ में नहीं आती है जिसके चलते लोग इसका जल्दी इलाज भी नही करवा पाते हैं।
ये पूछे जाने पर कि इस तरह का काम करने की प्रेरणा आपको कहां से मिली तो वो बताती हैं, “मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हूं। आज मैं जो कुछ भी हूं अपने दम पर हूं। जिसका ही नतीजा है कि मैं उन लोगों का दर्द महसूस कर सकती हूं। जिनके सपने पैसे ना होने के कारण अधूरे रह जाते है।” वो कहती हैं कि अगर भारत का हर एक डॉक्टर कम से कम महीना में एक फ्री-कैंप लगाना शुरू करे तो, बहुत हद तक बीमारियों की रोक-थाम की जा सकती है।
भारत में ये बड़ी समस्या है कि लोग समय-समय पर अपने शरीर का रूटीन चेकअप नहीं करवा पाते हैं। अधिकांश डॉक्टरों के पास वही रोगी आते हैं, जिनकी हालत खराब हो जाती है। साथ ही लोगों में हेल्थ और हाईजीन को लेकर आदतों में सुधार लाने की जरूरत है, जिसकी शुरुआत घर से की जा सकती है। सरकार के द्बारा स्कूल लेवल पर आंखों से सम्बंधित रुटीन चेकअप के बेसिक टूल दिये गये हैं, जिसके ज़रिये बच्चों की आंखों का चेकअप समय-समय पर किया जा सकता है।
इस तरह छोटे-छोटे प्रयास के ज़रिये हम भारत को एक उज्वल भविष्य देने की कल्पना कर सकते हैं।