Site icon Youth Ki Awaaz

महिलाओं को देवी कहना और उनका शोषण करना इस देश का दोहरा चरित्र है

भावना मैठाणी:

आज हमारा देश तमाम तरह की समस्याओं से ग्रस्त है जैसे सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक व धार्मिक समस्याएं, बेरोज़गारी, गरीबी, शिक्षा, पर्यावरण, आपदा, आतंकवाद, लैंगिक पक्षपात एवं हिंसा, किसान आत्महत्या और सूखा आदि। इन सबके बावजूद लैंगिक पक्षपात एवं महिला विरोधी हिंसा का मुद्दा हमारे दिमाग और मन पर गहरा असर डालता है, क्योंकि यह समस्या हमारे देश की आधी आबादी के साथ जुड़ी है। महिलाओं की विभिन्न समस्याओं में से सबसे ज्वलंत समस्या महिलाओं के विरुद्ध होने वाली हिंसा है। यह एक ऐसी स्थिति है जो न केवल अनैतिक है बल्कि प्रत्येक सभ्य समाज के लिए चिंता और शर्म का विषय भी है।

महिला विरोधी हिंसा किसी एक समाज, समुदाय या वर्ग में नहीं बल्कि सभी प्रकार के वर्गों, जातियों, सम्प्रदायों में की जाती है। जिससे प्रश्न यह उठता है कि आखिर बार-बार सिर्फ महिलाओं को ही क्यों प्रताड़ित किया जाता है? “[envoke_twitter_link]आखिर महिला क्यों?[/envoke_twitter_link]” इसके बहुत से उदाहरण देखने को मिलते कि समाज की किसी भी स्थिति में चाहे साम्प्रदायिक दंगे हों, चाहे जातिगत दंगे हों या फिर [envoke_twitter_link]पुरुष किसी भी स्थिति को लेकर गुस्सा हो, उसका भुगतान महिलाओं को ही करना पड़ता है[/envoke_twitter_link] जिसके कुछ तथ्यात्मक उदाहरण इस प्रकार हैं:-

ऐसे कई उदाहरण हैं जहां महिलाओं को बर्बर हिंसा का सामना करना पड़ता है। ऊपर दिए गए उदाहरण तथा आज महिलाओं के खिलाफ बढ़ते हुए अपराधों ने इस कथन को सिद्ध किया है।

इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं? [envoke_twitter_link]क्या महिला को समाज की सबसे कमज़ोर कड़ी समझा जाता है[/envoke_twitter_link] जो कि आसानी से ऐसी स्थिति में शिकार बनाई जा सकती है? या फिर उन्हें पुरुष अपने से अधीनस्थ समझ कर हिंसा करते हैं। जिस देश की सभ्यता एवं संस्कृति महिलाओं के सम्मान पर टिकी है, उसे सम्मान देने की बात करती है आदिकाल से आज तक जहां महिला शक्ति का अवतार समझी जाती है, अलग-अलग रूपों में पूजी जाती है, उसी देश में महिला हिंसा का शिकार होती है। उसी देश में बंटवारे से लेकर आज तक महिलाओं को ही हमले का केंद्र समझा गया है। क्या किसी ने इस पर कोई प्रश्न उठाने का प्रयास किया है “आखिर महिला ही क्यों?”

Exit mobile version