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इंटर्नशिप के ज़रिए आहुति ने 41 साल की उम्र में शुरू किया अपना करियर

आज पहली बार मुझे अपनी कहानी बताने का अवसर मिला है। मैं बड़े उत्साह के साथ आप सबके साथ अपना अनुभव बांटना चाहती हूं कि कैसे 40 की उम्र के बाद मैंने आखिरकार अपना व्यवसायिक जीवन आरम्भ किया।

मैं एक साधारण गृहिणी हूं। जब मेरी शादी हुई तब मेरी उम्र बहुत कम थी। हम मेरे पति के संयुक्त परिवार के साथ रहते थे और सभी घर के सदस्यों का ख्याल रखना ही मेरी प्राथमिक ज़िम्मेदारी थी। ऐसे में मेरे लिए कोई भी निजी लक्ष्य रखना संभव नहीं था।

हालांकि, हमेशा से ऐसा नहीं था। शादी करने से पहले, मैं एक महत्वाकांक्षी लड़की थी। मेरे पिता एक हाई-स्कूल में शिक्षक थे और उनसे प्रेरित होकर मैं भी शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती थी। और तो और, एक अच्छे करियर का सपना देखते हुए, मैं अपना ज़्यादातर समय पढ़ने और लिखने में ही गुज़ारती थी।

मेरा मानना है कि हमारे जीवन में असली मायने उन्हीं चीज़ों के होते हैं जो हम अत्यंत उत्साह के साथ निरंतर रूप से करना चाहते हैं। मेरे लिए यह चीज़ थी मेरी पढ़ाई इसलिए मैंने शादी के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखने का निर्णय लिया और इंग्लिश साहित्य में पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरी की।

मेरे पति और घर के अन्य सदस्यों ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए लेकिन, जब मैंने नौकरी करने की इच्छा ज़ाहिर की तो उनकी प्रतिक्रियाएं समान नहीं थी। परिवार में सबका मानना था कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी है तो मेरा बाहर जाकर काम करने का कोई मतलब नहीं। कुछ समय बाद जब मैं एक मां बनी तो मैंने भी काम करने का विचार त्याग दिया। अब मेरे दिन, मेरे बेटे की देखभाल, उसकी पढ़ाई और घर के अन्य कामकाजों में व्यतीत होने लगे।

इसी दौरान मेरी लेखनी में एक नई रुचि जागृत हुई। अपने खाली समय में, मैं अपनी डायरी में नियमित रूप से अपने विचार, अनुभवों इत्यादि के बारे में लिखने लगी। इसी प्रकार मेरी ज़िंदगी के 18 वर्ष बीत गए। मैंने अपने करियर में कुछ अच्छा करने का सपना देखा था, किन्तु वास्तव में मैं उसके करीब कुछ भी नहीं कर पा रही थी।

लंबे समय के बाद कुछ अनपेक्षित हुआ। सोशल मीडिया के बढ़ते चलन के साथ, मैं भी फेसबुक पर काफी सक्रिय हो गयी। मैंने दूसरों की पोस्ट पर कमेंट करना, अपनी पोस्ट लिखना, और दूसरों के साथ विचार-विमर्श करना शुरू कर दिया।

एक दिन, मेरे एक मित्र ने मुझे मैसेज करके पूछा कि क्या मुझे लिखना पसंद है? इसके बाद मैंने उन्हें अपनी लिखने की रुचि के बारे में बताया। इसपर उनके उत्तर ने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया। उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं अपने कौशल को फेसबुक पर क्यों बर्बाद कर रही हूं और उन्होंने मुझे अपनी हेल्थकेयर वेबसाइट के लिए लिखने का अवसर दिया। मैंने खुशी से उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। उनके साथ काम करते हुए मैंने दर्शकों तक पहुंचने के लिए सरल और संवादी तरीके से लिखना सीखा। उन्होंने मुझे प्लेज़रिज़्म (plagiarism), ग्रामर, हेमिंग्वे टेस्ट, इत्यादि विभिन्न उपकरणों के बारे में बताया, जिसके कारण मैं अपने कौशल को और बेहतर बना पाई।

मेरे लेखों में से एक लेख “एस्ट्रोज़न-रिच फूड्स” वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ और इस पर दर्शकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली। यह मेरे लिए अविश्वसनीय था। इससे मुझे बहुत खुशी हुई और मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ने लगा। फिर एक दिन, काम करते हुए मुझे इंटर्नशिप के बारे में पता चला और मैंने इंटर्नशिप के साथ अपने कौशल को बेहतर बनाने और आज़माने का निर्णय लिया।

मैंने “कंटेंट राइटिंग” के क्षेत्र की वर्क-फ्रॉम-होम इंटर्नशिप्स के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया। Nettv4u नामक एक कम्पनी के साथ एक इंटर्नशिप के लिए मुझे शॉर्टलिस्ट किया गया और मुझे एक असाइनमेंट मिला। इस असाइनमेंट के अंतर्गत मुझे दी गई एक सूची में से 2 प्रख्यात मीडिया हस्तियों की संक्षिप्त में जीवनी लिखनी थी। मैंने यह असाइनमेंट जितना जल्दी हो सका, पूरा करके भेज दिया और मुझे इंटर्नशिप के लिए चुन लिया गया। मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा और मेरे परिवार को भी यह जानकर बेहद खुशी हुई, विशेष रूप से मेरे बेटे को, जो उस समय कॉलेज के दूसरे साल में था।

इंटर्नशिप के दौरान, मुझे अन्य प्रख्यात मीडिया हस्तियों के बारे में लिखना होता था। सच कहूं तो, मुझे खुद को व्यवसायिक जीवन में आगे बढ़ते देख अच्छा लग रहा था मगर, शुरुआत में अपने काम और परिवार के बीच संतुलन बनाना काफी चुनौतीपूर्ण रहा।

या तो मेरा काम समय सीमा के अनुसार पूरा नहीं हो पता था या मुझे अपने परिवार के सदस्यों की ज़रूरतों के साथ समझौता करना पड़ता था लेकिन, मैंने हार नहीं मानी और जल्द ही घर और काम के बीच संतुलन बनाये रखना भी सीख लिया।

यह इंटर्नशिप एक अद्भुत अनुभव था मेरे लिए। Nettv4u की टीम बहुत ही विनम्र और सहायक थी। उन्होंने मुझे मेरी गलतियां सुधारने के अनेक मौके दिए और मेरे आत्मविश्वास को कभी कम ना होने दिया। इस इंटर्नशिप से मेरा लेखन कौशल बेहतर हुआ और मुझे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित अनेक मीडिया व्यक्तित्वों के बारे में बहुत कुछ पता चला। अंत में, Nettv4u की टीम ने मेरे लगभग सभी लेख प्रकाशित किये और मैंने गर्व के साथ उन्हें अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों के साथ शेयर किया और उन सभी से प्रशंसा भी की।

इस इंटर्नशिप के बाद मैंने कभी मुड़कर नहीं देखा और एक साथ 2-3 वर्चुअल इंटर्नशिप्स भी की। मेरा लेखन कौशल बेहतर हो गया है और यह साबित करने के लिए मेरे पास बहुमूल्य इंटर्नशिप सर्टिफिकेट भी हैं। अब मेरे पास अवसरों की कमी नहीं है और मुझे पूरा यकीन है कि अब मैं एक लेखक के रूप में अपना करियर बना सकती हूं।

अब मैं, आहुति मिश्रा, एक फ्रीलान्स लेखिक के रूप से जानी जाती हूं। मैंने हमेशा से अपनी खुद की एक पहचान बनाने का सपना देखा था और अब, जब मेरी एक पहचान बन चुकी है, तो मेरी ज़िंदगी को एक नया रास्ता मिल गया है और मैं इसी पथ पर आगे बढ़ना और बहुत कुछ नया सीखना चाहती हूं।

मैं सभी महिलाओं, विशेष रूप से गृहिणियों को यही कहना चाहूंगी कि अपनी उम्र को कभी बाधा ना समझें। अपने सपने पूरे करने के लिए कभी भी बहुत देर नहीं होती और आप अपना करियर कभी भी शुरू कर सकती हैं। आप सोच रही होंगी, कैसे? आज के डिजिटल युग में वर्क-फ्रॉम-होम के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। आप इन्हीं में से किसी एक अवसर के साथ अपने करियर की शुरुआत कर सकती हैं। मेरा सुझाव है कि इंटर्नशिप करें क्योंकि यह आपको उचित कार्यानुभव प्रदान करती है, जो आपको अपने करियर की शुरुआत करने में सहायक साबित हो सकती है ।

यदि मेरी कहानी पढ़कर एक भी महिला अपना करियर आरम्भ या पुनः आरम्भ करने के लिए प्रोत्साहित होती है, तो मेरा अनुभव बांटने का उद्देश्य सफल होगा।

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लेखिका के बारे में- आहुति मिश्रा, एक गृहिणी हैं जिन्होंने  41 वर्ष की उम्र में अपना करियर एक इंटर्नशिप के साथ शुरू किया और अब वह एक सफल फ्रीलांस लेखिका हैं। यह लेख पहले इंटर्नशाला पर प्रकाशित हुआ है। इंटर्नशाला एक इंटर्नशिप और ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म है।

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