राम राम बापू,
बापू, मन काफी परेशान था इसलिए तुमसे कुछ शिकायतें तो कुछ निवेदन करने आया हूं। बापू हमारे देश में लोग तुम्हें तो मानते हैं लेकिन तुम्हारे आदर्शों को बड़ी ही बेरहमी से ठुकरा देते हैं। बापू हमारे देश में लोग तुम्हें राष्ट्रपिता मानते हैं, तुम्हारी पूजा करते हैं लेकिन ये इतने नालायक हैं कि तुम्हारी कही एक बात नहीं सुनते।
बापू, तुम चाहते थे कि हमारे देश के नेता देश में रामराज्य लाए लेकिन ये तो कुछ और ही लेकर आ गए। इसका नाम तो मुझे पता नहीं लेकिन बापू डर बहुत लगता है इससे।
ये कहते कुछ और हैं और करते कुछ और ही हैं। बापू, ये लोगों को आपस में लड़वाते हैं और उन्हें लड़ता देख खुद आनंद लेते हैं। बापू, हमारे देश में कोई कहता है, “मैं वंदे मातरम नहीं बोलूंगा” तो कोई कहता है “मैं बुलवाकर रहूंगा” ये ऐसा क्यों करते हैं बापू?
बापू, हमारे देश में हज़ारों करोड़ों रुपये चोरी करने वालों को तो नहीं पकड़ा जाता है लेकिन निर्दोष को बेवजह प्रताड़ित किया जाता है। बापू, हमारे देश में कुछ लोग हैवान बन चुके हैं, ये हैवान हमारे देश में माताओं-बहनों के साथ घिनौना बर्ताव करते हैं और कई बार तो बड़े-बड़े ओहदेदार लोग भी इनका बचाव कर देते हैं। बापू हमारे देश में ऐसा क्यों होता है? बापू, अब तो कई बदमाश साधू, मौलवी और पादरी का रूप धारण करके आते हैं और भक्तजनों के साथ कुकृत्य करते हैं। मुझे डर लगता है बापू।
बापू, हमारे देश में अब कहीं गोमाता के नाम पर लोगों की हत्या कर दी जाती है तो कहीं गोमाता को बीच सड़क-चौराहे पर काटा और खाया जाता है। बापू हमारे देश में अब डर लगने लगा है। बापू, हमारे देश में कहीं किसी पिछड़े को घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया जाता तो कहीं ‘तथाकथित अगड़े’ गरीब की कोई सुध ही नहीं लेता। बापू, हमारे देश में महंगाई और बेरोज़गारी का तूफान आया है। इसे शांत कैसे करें कोई जानता ही नहीं है।
हे साबरमती के संत, आप जहां कहीं भी हो, इनको सद्बुद्धि का आशीर्वाद दीजिये ना। ये हमारे देश को कहां ले जाएंगे, उसके बारे में सोचकर भी मन भय से कांप उठता है। बापू हमारे देश में आज आपकी फिर से आवश्यकता आ पड़ी है। आइये ना! बापू हमारे देश में।