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क्या 2019 में काँग्रेस के अच्छे दिन आ रहे हैं?

राहुल गाँधी

राहुल गाँधी

देश के पांच प्रमुख राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखकर यह पता चल रहा है कि अभी बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए पूर्ण रूप से सशक्त नहीं बन पाई है। इन नतीजों को देखकर ऐसा लगता है कि नरेन्द्र मोदी के नाम का महत्व खत्म हो रहा है। लोगों में मोदी के व्यक्तित्व का असर कम हो रहा है।

छत्तीसगढ़ में भाजपा का पिछले 15 वर्षों से दबदबा रहा लेकिन इस बार के चुनाव परिणामों से स्पष्ट है कि जनता परिवर्तन चाह रही है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अब भाजपा के बजाए काँग्रेस के अच्छे दिन आ रहे हैं। अब देखने वाली बात यह है कि बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह क्या 2019 के लोकसभा चुनाव में इस हार को जीत में बदल पाएंगे?

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद जनादेशों को देखकर ऐसा लगता है कि जनता के बीच काँग्रेस की पुन: वापसी हो रही है। ऐसे में बीजेपी को 2019 के लिए कमर कस लेनी चाहिए क्योंकि चुनावी परिणाम बीजेपी के लिए काफी निराशाजनक हैं। पांच राज्यों के चुनावों में काँग्रेस ने बीजेपी को पछाड़ते हुए तीन राज्यों में लगभग अपना कब्जा जमा लिया है।

नरेन्द्र मोदी, फोटो साभार: Getty Images

मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर काँग्रेस और बीजेपी में कड़ी टक्कर हो रही है। मध्यप्रदेश में काँग्रेस 115 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनते हुए बहुमत की कुंजी से एक कदम दूर रह गई जिसको बसपा ने अपने मिले दो सीटों का समर्थन देते हुए पूरा कर दिया। जबकि छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में काँग्रेस ने 68 सीटों पर जीत हासिल की, वही बीजेपी महज़ 15 पर सिमट कर रह गई। अन्य के खाते में 7 सीटें दर्ज की गई।

राजस्थान के नतीजे सुबह से ही काँग्रेस के पाले में थी लेकिन शाम को आधिकारिक पुष्टि होने के बाद यह साफ हो गया है कि राजस्थान में काँग्रेस पार्टी सरकार बनाने जा रही है। इस बार लोगों में वसुंधरा सरकार को लेकर नाराज़गी थी, जो इन नतीजों से साफ दिखाई दे रही है।

राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियों को पीछे छोड़ते हुए प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के कुशल मार्गदर्शन में काँग्रेस पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया है। अब यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलगी।

आपको बता दें राजस्थान में काँग्रेस ने 101 सीटें हासिल की हैं, वही बीजेपी 73 सीटें जीतने में सफल रही है। राजस्थान में काँग्रेस ने सरकार बनाने के लिए दावा पेश कर दिया है।

दक्षिण और पूर्वोत्तर में भी भाजपा को उल्टे पांव लौटना पड़ा क्योंकि 40 सीटों वाली मिजोरम और 119 सीटों वाली तेलंगाना में भाजपा को महज़ 1-1 सीट से ही संतोष करना पड़ा। जबकि काँग्रेस को मिजोरम में पांच और तेलंगाना में 19 सीटें मिली।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणामों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के लिए मुश्किलें तेज़ होने वाली है। राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह की आगे की रणनीतियों पर देश की नज़र बनी रहेगी।

नोट: लेख में प्रयोग किए गए आंकड़े इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया के वेबसाइट से लिए गए हैं।

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