क्यों मेरी सांसें दूसरों की आदतों की मोहताज़ हैं? ऐसे ही गुस्से भरे प्रश्न मेरे ख्याल को हमेशा कोंचते रहते हैं, क्या सचमुच मेरा जीवन मेरा नहीं है? हर बार जब सामने रहने वाले शर्मा अंकल अपना कूड़ा बाहर जलाते हैं, तो क्यों मेरी सांसें उखड़ने लगती हैं? ऐसे ही ना जाने कितने उदहारण हैं मेरे पास, जहां कोई और हवा को दूषित करता है पर भुगतना हम सबको पड़ता है? आखिर कब तक? मैं क्यों तुम्हारी प्रदूषित जीवन की वजह से अपनी ज़िंदगी कम करूं?
हवा हम सबकी जागीर है। हम सबको उससे फर्क पड़ता है, उसके बाद भी हमने कोई कसर नहीं छोड़ी है कि हवा को खुद भी सांस लेना मुश्किल हो जाए। आज हमारी धरती इतनी दूषित हो गई है कि अब शायद हमारे पास वक्त ही नहीं है कि उसको बचा पाएं पर फिर भी हमको कोशिश करनी पड़ेगी। अगर हम चाहते हैं कि हमारी आने वाली पीढ़ी खुली और स्वच्छ हवा में सांस ले, तो हमें चीज़ें बदलनी होंगी।
मैंने अपने स्तर पर काफी परिवर्तन लाने की कोशिश की है, जिससे कि मैं अपना किरदार इस जंग में निष्ठा से निभा पाऊं। इसके लिए मैंने पौधे लगाए, पटाखे जलाने छोड़ दिए और सामूहिक वाहनों की सवारी को प्राथमिकता दी पर क्या आप अपना पूर्ण योगदान दे रहे हैं? अगर नहीं तो हम यह ज़िन्दगी की जंग ज़रूर हार जाएंगे। मुझे आपका साथ चाहिए। आपको ज़्यादा कुछ नहीं करना, बस मेरी कुछ बातों को समझना है और अच्छी लगे तो अपने जीवन में उसका अभ्यास करना है।
- जितना हो सके उतने पेड़ लगाएं।
- वृक्ष के बिना हमारा अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
- वह ना सिर्फ हमारी हवा को साफ करते हैं, बल्कि हमें खाद्य पदार्थ, दवाइयों का सामान देते हैं।
- कृपया अपनी गाड़ियों का इस्तेमाल कम करें, एक दूसरे के साथ सफर करें या फिर जन वाहन का प्रयोग करें।
- इससे सिर्फ तेल की खपत ही कम ही नहीं होगी, बल्कि हवा में घुलने वाली जानलेवा गैसों की मात्रा भी काफी कम हो जाएगी।
- खुले में कूड़ा ना जलाए, सड़क पर कोई भी स्प्रे या परफ्यूम की शीशी ना फेंके। इससे हवा में दूषित करने वाले पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है।
- थैलियों का इस्तेमाल बंद कर दें। प्लास्टिक की वजह से कूड़ा कचरा बढ़ता है और जब उसको जलाते हैं तो काफी खतरनाक रसायनों का निर्वाह हवा में होता है।
- कारखानों से निकलने वाले धुएं को नियंत्रित किया जाए। सरकार को इस विषय में कड़े कानून बनाने चाहिए।
- केवल वही इलेक्ट्रॉनिक वस्तु ले, जो कम-से-कम बिजली की खपत करें। इससे हमारी ऊर्जा शक्ति का सही इस्तेमाल होगा और कोयले से पैदा की जाने वाली बिजली पर कम दबाव आएगा।
यह कुछ छोटे से सुझाव हैं मेरी तरफ से, जिससे हम अपने आस-पास की हवा को साफ रखकर उसका भरपूर ध्यान रख सकते हैं, क्योंकि वह दिन दूर नहीं जब पानी के साथ हवा के लिए भी लड़ाई लड़नी होगी। इसी विषय में मैंने एक वीडियो देखी थी, जहां कुछ कंपनियों ने साफ हवा को पैकेट में करके बेचने का धंधा बना लिया। क्या यह इंसानियत और प्रकृति के खिलाफ नहीं है? वह चीज़ जिसपर हम सबका हक है, उसको एक व्यापार बनाया जा रहा है। इससे निर्लज्जता की बात और क्या हो सकती है?
मुझे आशा है कि जो कोई भी मेरी बातों को समझेगा, उसको अंदाज़ा हो जाएगा कि समस्या कितनी गंभीर है। तो आइए हवा प्रदूषण को रोकने में हम एक बेहतरीन कोशिश करें क्योंकि हम लड़ेंगे, आखिरी सांस तक।