दिवाली के पूर्व दिवस पर लेनिन रघुवंशी को सूचना मिली कि उन्हें नोएडा के सेक्टर 50 स्थित रामाज्ञा कॉलेज में इंटरनेश्नल कॉन्फिडरेशन ऑफ एनजीओ (International Confederation of NGOs) द्वारा कर्मवीर महारत्न पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
मेजर बख्तावर बरार ने पत्र में लिखा है,
कर्मवीर पुरस्कार के दस साल पूरे हो गए हैं और 11वें साल में प्रवेश किया है। इस अवसर पर एक महिला कर्मवीर पुरस्कार विजेता और एक पुरुष कर्मवीर पुरस्कार विजेता को प्रथम बार कर्मवीर महारत्न दिया जायेगा। कर्मवीर महारत्न को इसी वर्ष कर्मवीर पुरस्कार के दस साल होने पर शुरू किया गया है और इस बार लेनिन रघुवंशी बदलाव और लोगों के जीवन में लगातार परिवर्तन लाने के लिए प्रथम कर्मवीर महारत्न पुरस्कार से नवाज़े जाएंगे। इनका नॉमिनेशन कर्मवीर पुरस्कार के संस्थापक और सुप्रसिद्ध लेखक जेरी (Jeroninio Almeida) ने किया है।
पुरस्कार के घोषणा के बाद लेनिन रघुवंशी ने कहा,
दीवाली के समय यह एक उत्कृष्ट उपहार है। यह पुरस्कार सभी विदेशी पुरस्कारों से ज़्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के संविधान की प्रस्तावना के शपथ के दिवस 26 नवंबर को दिया जायेगा।
लेनिन ने वंचितों के अधिकार की रक्षा के लिए मानवाधिकार जन-निगरानी समिति की स्थापना की। जिसके 72 हज़ार लोग सदस्य हैं और अभी तक 23 हज़ार बंधुवा मजदूरों को मुक्त कराकर पुनर्वासित किया है और 75 हज़ार से ज़्यादा मानवाधिकार हनन के मामलों में हस्तक्षेप किया है। जिसमें 281 करोड रूपया पीड़ितों को मिला है।
कमज़ोर तबके के लोगों को सक्षम बनाया
विदित है कि टाटा ट्रस्ट की मदद से संघटन ने वाराणसी के 20 मदरसे में 5281 बच्चों और बच्चियों को आधुनिक शिक्षा दे रहा है। मदरसे में लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है, जहां 8000 किताबें जन मित्र न्यास द्वारा दी गई हैं। स्वीडन की पारुल शर्मा की मदद से 130 बच्चियों को स्कॉलरशिप दिया जा रहा है।
न्यूज़ीलैण्ड दूतावास की मदद से 20 गाँवों में किचन गार्डन बनाया गया है। जहां दलितों ने पहली बार दस हज़ार कुंतल सब्जी पैदा की। जिसे आउटलुक मैगज़ीन ने सफल प्रयोग के रूप में छापा, जिसे छत्तीसगढ़ के मुख्मंत्री ने अपने राज्य में लागू करने की घोषणा आउटलुक द्वारा आयोजित पोषण सम्मलेन में किया।
श्रुति, जय कुमार मिश्र और लेनिन ने हरिहर प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी टाटा चाय के साथ मिलकर सोशल बिज़नस के तहत 11 ज़िले के गाँवो के 90 नवयुवकों को रोज़गार मुहैया कराया है। इससे पूर्व जन मित्र न्यास पंजाब नेशनल बैंक के साथ मिलकर 780 रिक्शावालों को रिक्शे का मालिक बनाया है।
लेनिन रघुवंशी और डेनमार्क के इंगेर आगर द्वारा यातना और हिंसा के पीडितो के मनोवैज्ञानिक मदद के लिए विकसित किये गए टेस्टीमोनियल थेरेपी का इस्तेमाल भारत, लंका, नेपाल और कम्बोडिया में किया जा रहा है। वहीं लेनिन सुप्रसिद्ध जर्नल के संपादक मंडल के सदस्य हैं और भारत के 6 विश्वविद्यालय और यूरोप के 6 विश्वविशद्यालय द्वारा यूरोपियन यूनियन के मदद से संचालित ग्लोबल इंडिया के मानद सदस्य हैं।