Site icon Youth Ki Awaaz

“दिलीप मंडल पर ABVP द्वारा लगाए गए आरोप ब्राह्मणवादी सोच का संकेत है”

हाल ही में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल में पढ़ाने वाले प्रोफेसर दिलीप मंडल, जो कि एक प्रसिद्ध पत्रकार और इंडिया टुडे के पूर्व एडिटर भी रह चुके हैं, का विश्वविद्यालय के एबीवीपी से जुड़े हुए विद्यार्थियों ने विरोध करना शुरू कर दिया।

इसके साथ ही इन विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ भी की।

जातिवाद फैलाने का आरोप

एबीवीपी के नेताओं ने प्रोफेसर दिलीप मंडल पर आरोप लगाया कि वे जातिवाद फैलाते हैं। इसके बाद विश्वविद्यालय संघर्ष का केंद्र बन गया और दोनों तरफ से लोगों ने अपने-अपने अभ्यावेदन कुलपति के समक्ष प्रस्तुत किए। इस पर कुलपति ने जवाब दिया कि विश्वविद्यालय प्रशासन  प्रोफेसर दिलीप मंडल के साथ हैं।

इसके साथ ही ट्विटर पर प्रोफेसर दिलीप मंडल ने ट्वीट करते हुए संबंधित एबीवीपी के छात्रों को खुले मंच पर शास्त्रार्थ करने का न्योता दिया। उन्होंने लिखा,

विद्यार्थी परिषद को शास्त्रार्थ का निमंत्रण। आज भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ABVP ने फुले-अंबेडकर विचारधारा को लेकर मेरे खिलाफ हंगामा किया और तोड़फोड़ की। मेरा उनसे निवेदन है कि किसी तय तारीख को सांची स्तूप के पास आएं और मुद्दों पर बहस करें। स्वागत है।

दिलीप मंडल से  क्यों भयभीत है एबीवीपी ?

ज्ञात हो कि बरसों से मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार रही है। वह तमाम केंद्रीय तथा राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में अपने एजेंडे को स्थापित करने के लिए, अपनी संकीर्ण ब्राह्मणवादी विचारधारा के लोगों को स्थापित कर चुका है।

ब्राह्मणवादी ताकतें जो पूर्व की सरकारों के द्वारा स्थापित हैं, उनको विश्वविद्यालय के बीच में  फूले-अंबेडकरी विचारधारा जो कि समानता और भाईचारा पर आधारित है, फैलना पच नहीं रहा है।

इन ताकतों का एजेंडा ही है कि समाज के दबे कुचले वर्ग को वंचित रख कर धर्म और संप्रदाय विशेष के नाम पर ध्रुवीकरण करके अपने चिर प्रतिक्षित ब्राह्मणवादी हिंदू राष्ट्र के एजेंडे को हर हाल में पूरा करना है।

प्रोफेसर दिलीप मंडल जैसे लोग फूले मंडल और अंबेडकर की विचारधारा के माध्यम से समाज में सद्भावना,समता, संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रचारित करते हैं ।

मंडल साहब जैसे लोग ब्राह्मणवादी ताकतों के रास्ते में रोड़ा बनते हैं और यही कारण है कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के एबीवीपी के स्टूडेंट्स ने प्रोफेसर मंडल का विरोध कर रहे हैं।

Exit mobile version