आम बजट-2020 पेश करने के तुरन्त बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में एक बिल पेश कर रही हैं, जिसका नाम है ‘विवाद से विश्वास बिल‘। इस बिल में विवादित कर और उससे संबंधित मामलों के समाधान का लक्ष्य रखा गया है।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान विश्वास स्कीम की घोषणा की थी, जिसके तहत 48,300 प्रत्यक्ष कर विवादों को निपटाने की बात कही गई थी।
कुछ बातें जो आपको जाननी चाहिए
- वर्तमान में कुल मिलाकर 4.83 लाख कर विवाद लंबित हैं। विवाद से विश्वास योजना के तहत करदाता को 31 मार्च, 2020 तक बकाए की केवल विवादित कर राशी ही जमा करानी होगी।
- इसके तहत जुर्माना और ब्याज़ माफ होगा।
- यह योजना 30 जून 2020 तक खुली रहेगी।
- 31 मार्च के बाद जो लोग कर का भुगतान करेंगे, उन्हें कर राशी पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
- जबकि जो विवाद ब्याज़ या जुर्माना राशी से जुड़े हैं, वहां करदाता को 31 मार्च तक विवादित राशी का 25 प्रतिशत और उसके बाद 30 जून तक 30 प्रतिशत ही भुगतान करना होगा।
पीएम मोदी ने ‘विवाद से विश्वास बिल’ के बारे में क्या कहा था?
बजट के बाद एक चर्चा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा,
मेरा मानना है कि यह एक उचित पेशकश है। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वह लंबित मामलों के बारे में फिर से विचार करें और आगे आकर इस योजना का लाभ उठाएं। इसका मकसद आयकर प्रणाली को आसान बनाना है। नई व्यवस्था के तहत करदाता को विभिन्न मदों में मिलने वाली छूट समाप्त करके कम दर पर आयकर की गणना करना है।
उन्होंने कहा, “अभी तक हम छूट और कटौतियों से लाभ उठाते रहे हैं। हम सावधानी पूर्वक इस व्यवस्था से दूर होने की कोशिश कर रहे हैं ताकि कर ढांचे को आसान बनाया जा सके। यह जितना सीधा हो सके उसे उतना स्पष्ट बनाया जाए ताकि कर दाता को इसे अपनाने में दिक्कत ना हो।”