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“UP के डहर गाँव जाकर कैसे मैंने कोरोना वायरस के बारे में ग्रामीणों को जागरुक किया”

फोटो साभार- अंकुर त्रिपाठी

फोटो साभार- अंकुर त्रिपाठी

चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस 122 देशों में पहुंच गया है। इसके संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे महामारी घोषित कर दिया है।

भारत सरकार ने भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है। अभी हाल ही की खबर है कि संसद की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है।

भारत देश के विभिन्न राज्यों ने भी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए सम्बंधित राज्यों में विद्यालय, कॉलेज, सिनेमाघर व ऐसे समस्त संस्थान बंद कर दिए हैंं, जहां भीड़ जुटने की आशंका रहती है।

कोरोना वायरस से बचाव के लिए जारी निर्देश ना मानना समझा जाएगा अपराध

उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह एक महीने तक एपिडेमिक एक्ट (महामारी अधिनियम) के तहत कार्रवाई कर सकता है।

यदि राज्य को यह आशंका लगे कि कोई महामारी फैल रही है या फैल सकती है और मौजूदा कानून उसे रोकने में नाकाफी है, तो वह इस एक्ट के तहत ठोस उपाय कर सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए जारी निर्देश ना मानना अब अपराध होगा।

गाँव-गाँव जाकर लोगों को किया जा रहा है जागरुक

जागरुकता कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण।

उत्तर प्रदेश सरकार ने समस्त शिक्षण संस्थानों को 22 मार्च तक पूर्णतया बंद कर दिए हैं। कोई भी शिक्षण संस्थान के खुले पाए जाने पर कठोर कार्रवाई अमल में लाए जाने के निर्देश दिए हैं।

उसी के मद्देनज़र विभिन्न जनपदों में ज़िला प्रशासन ने कोरोना वायरस की रोकथाम, लक्षण व भ्रामकता रोके जाने हेतु जागरूकता फैलाये जाने के निर्देश दे दिए हैं। इस दौरान दिनांक 14 मार्च को मुझे भी यूपी के डहर गाँव जाकर लोगों को जागरुक करने का असवर प्राप्त हुआ।

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहांपुर में कर्मचारियों, स्वयंसेवी संगठनों और आम नागरिको ने जागरुकता फैलाए जाने का बीड़ा उठाया है।

कोरोना वायरस के लक्षण

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने गाँव-गाँव भ्रमण करके लोगों को जागरूक किया है व उनको बताया है कि संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, ज़ुखाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

यह भी बताया गया है कि यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। अधिक उम्र के लोग और जिन्हें पहले से अस्थमा, डायबिटीज़ और हार्ट की बीमारी है उनके लिए यह घातक भी हो सकता है।

रोकथाम के लिए जरूरी उपाय

गाँव में जागरुकता कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण।

इसकी रोकथाम के लिए बताया गया कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए। अल्‍कोहल युक्त हैंड वॉश का प्रयोग भी किया जा सकता है।

खांसते और छींकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्‍यू पेपर से ढककर रखने की सलाह दी गई है। जिन व्‍यक्तियों में कोल्‍ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखने की बात की गई है। अंडे और मांस के सेवन से बचाव करने के साथ-साथ जंगली जानवरों के संपर्क में आने से पूर्णतया बतने की बात की गई है।

कोरोना को लेकर फैल रहे डर के माहौल को दूर किया जाना ज़रूरी क्यों?

हमारे एक साथी ने बताया कि जागरूकता के दौरान जब लोगों से कोरोना वायरस को लेकर बात की गई, तो पता चला कि लोग बहुत डरे हुए हैं। उनमें कोरोना वायरस को लेकर भ्रांतियां बड़े स्तर पर हैं।

अधिकांश लोग सामान्य सर्दी ज़ुखाम को भी कोरोना का संक्रमण मान ले रहें है। जबकि ऐसा नहीं है। कोरोना वायरस को लेकर जागरूक रहने की आवश्यकता है मगर परेशान होने की ज़रूरत तो कतई नहीं है।

लोगो में भय का माहौल नहीं पनपने देना है। उन्होंने बताया कि वो गाँव-गाँव जाकर लोगो को निरंतर जागरूक कर रहें हैं जिससे लोगो में डर का माहौल उत्पन्न ना होय़

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