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BJP में नई भूमिका के साथ कैसा रहेगा ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक भविष्य

ज्योतिरादित्य सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया

बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की उपस्थिति में पूर्व काँग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। सदस्यता लेने के कुछ देर बाद ही उनका मध्य प्रदेश से राज्यसभा का टिकट भी कन्फर्म हो गया है। इस दौरान मध्य प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के कई बड़े नेता मौजूद रहे।

बीते मंगलवार को सिंधिया ने काँग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।

बुधवार को पीएम मोदी का शुक्रिया अदा करते हुए सिंधिया ने कहा, “मेरे जीवन में दो तारीखें महत्वपूर्ण रही हैं। एक जब मैंने अपने पिता को खोया था और दूसरी कल जब मैंने नया रास्ता चुनने का फैसला लिया।”

जब काँग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया

इस्तीफा देने वाले काँग्रेस के 22 विधायक। फोटो साभार- सोशल मीडिया

मध्य प्रदेश के 22 विधायकों ने अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इनमें से 19 विधायक बेंगलुरु में हैं। वहीं राज्य सरकार ने बेंगलुरु गए 6 मंत्रियों को बर्खास्त करने की सिफाारिश राज्यपाल से की है।

अब यह माना जा रहा है कि सिंधिया के भाजपा में आने के बाद मध्य प्रदेश में काँग्रेस की सरकार पर खतरा है, क्योंकि सिंधिया के खेमे वाले विधायक भी भाजपा के साथ आ सकते हैं। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश में काँग्रेस के 114 विधायक हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए अपने 9 उम्मीदवारों के नामों की सूची बुधवार को जारी कर दी है। इसमें आज ही काँग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल किए गये युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया है।

पुराने दो राज्यसभा सदस्यों को इस बार बीजेपी ने टिकट नहीं दिया

मध्य प्रदेश में तीन राज्यसभा सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होने हैं। बीजेपी कोटे से प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया तो वहीं काँग्रेस के दिग्विजय सिंह के राज्यसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है।

अपने पुराने दोनों राज्यसभा सदस्यों को इस बार बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह सिंधिया को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। बीजेपी की तरफ से अभी एक और उम्मीदवार के नाम की घोषणा किया जाना बाकी है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेपी नड्डा ने राजमाता सिंधिया को याद किया

जेपी नड्डा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि हम सबके लिए यह खुशी का दिन है कि ज्योतिरादित्य भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी और जनसंघ, भाजपा की वरिष्ठ संस्थापक सदस्या राजमाता सिंधिया को भी याद किया।

उन्होंने कहा कि राजमाता ने पार्टी की विचारधारा को बखूबी आगे बढ़ाया था। अब उनके पौत्र भी विचारधारा के साथ मिलकर देशसेवा में पार्टी का योगदान देंगे।

उन्होंने ज्योतिरादित्य को परिवार का ही सदस्य बताया और यह विश्वास दिलाया कि उन्हें पार्टी की मुख्यधारा में काम करने का सौभाग्य मिलेगा। अंतिम में उन्होंने व्यंग करते हुए कहा कि वे यहां उन्मुक्त और खुले वातावरण में अपनी बात रखें।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान क्या कहा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने?

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्योतिरादित्य ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत माँ की जनसेवा करना होना चाहिए और राजनीति केवल उस लक्ष्य की पूर्ति का साधन होना चाहिए। मैंने पिछले 18 वर्षों से भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस द्वारा देश और प्रदेश की पूरी श्रद्धा से सेवा की कोशिश की है।

उन्होंने आगे कहा,

आज मन दुखी है कि जनसेवा के लक्ष्य की पूर्ति काँग्रेस संगठन के माध्यम से नहीं हो पा रही है। आज की स्थिति में काँग्रेस पार्टी वो पार्टी नहीं रही जो पहले हुआ करती थी। 18 महीने पहले मेरे राज्य में जो सरकार बनी थी और जिन सपनों के साथ बनी थी वे सपने टूट गए हैं।

काँग्रेस पार्टी के तीन अवगुण जिन्हें सिंधिया ने गिनाए

  1. वास्तविकता से इंकार करना। 
  2. पार्टी के अंदर जड़ता का वातावरण होना। 
  3. नए नेतृत्व को आगे ना बढ़ाना।                

किसान त्रस्त हैं और बेरोज़गार बेबसी का शिकार

ज्योतिरादित्य सिंधिया। फोटो साभार- सोशल मीडिया

मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों मज़दूरों और नौजवानों को सिर्फ धोखा दिया है। सरकार ने शपथ ग्रहण के 10 दिन के भीतर कर्ज़माफी का वादा किया था लेकिन आज 18 महीने बाद भी उसकी कोई खबर नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि आज भी पिछले फसल का बोनस किसानों को नहीं मिला है और ना ही किसानों के विरुद्ध दर्ज़ फर्ज़ी केस वापस लिए गए हैं।

नौजवानों की बेरोज़गारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोज़गार के अवसर कम हुए हैं। किसान त्रस्त हैं और बेरोज़गार बेबसी का शिकार हैं। सरकार ने अपने घोषणापत्र में किया एक भी वादा अभी तक पूरा नहीं किया है।

मोदी पर क्या कहा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने?

अंत में प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि देश की जनता ने उन्हें भारी जनादेश देते हुए हमारा नेता चुना है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर देश की पहचान और ताकत बढ़ाई है। योजनाओं के क्रियान्वयन और उनकी आवश्यकता की अद्भुत समझ है उनमें।

पक्ष-विपक्ष के राजनेताओें की क्या रही प्रतिक्रिया?

सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “उनके पार्टी से जुड़ने से हमें मज़बूती मिलेगी। काँग्रेस पार्टी में अगर कोई लोकप्रिय थे तो वह महाराज थे। अब शिवराज और महाराज एक हैं।”

ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर कहा,

आज अगर राजमाता ज़िंदा होतीं तो वो भी यह देखकर खुश होतीं कि तुमने देश सेवा को वरीयता दी। मैं तुम्हारी हिम्मत की प्रशंसा करती हूं। बीजेपी में स्वागत है और यह खुशी की बात है कि हम दोनों एक ही टीम में हैं।

राहुल गाँधी ने क्या कहा?

राहुल गाँधी।

राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री को टैग करते हुए लिखा.

जब आप एक चुनी हुई काँग्रेस सरकार को गिराने में व्यस्त हैं तभी वैश्विक तेल की कीमतों में 35% क्रैश की घटना को आप भूल गए। कृपया करके भारत में तेल की कीमतों को घटाने पर ध्यान दीजिए। ताकि तेल की कीमत 60 रुपये प्रति लीटर से कम हो सके और जनता को लाभ मिले।

वहीं, पहले काँग्रेस में रहीं आम आदमीं पार्टी की नेता अलका लांबा ने अपनी तुलना सिंधिया से करने पर उसे अपना अपमान बताया। उन्होंने कहा कि मैं कल भी भाजपा के खिलाफ थी और आज भी हूं। सत्ता की गोदी में बैठकर चाटुकारिता नहीं की मैंने।

कैसा रहा काँग्रेस के साथ सिंधिया का सफर

सिंधिया करीब 18 वर्षों तक काँग्रेस पार्टी में रहें। इस दौरान उन्होंने काँग्रेस पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों को संभाला। ज्योतिरादित्य करीब दो दशक तक काँग्रेस पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर रहें।

ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहचान मौजूदा समय में काँग्रेस पार्टी के भीतर एक ऐसे नेता के तौर पर थी, जो तीखा भाषण देते थे और अपने दम पर भीड़ जुटाने का माद्दा रखते थे।

जनता सिर्फ उन्हें सुनने के लिए मैदानों तक खिंची चली आती थी। बड़े बड़े मंचों से वे प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित भाजपा आरएसएस की जमकर आलोचना करते थे। अब यह तो भविष्य ही बताएगा कि बीजेपी में नई भूमिका के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक भविष्य क्या होगा।

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