हर साल की तरह 2018 भी कुछ आंदोलनों, कुछ राजनीतिक उथल-पुथल और कुछ सामाजिक सवालों से भरा रहा। महीने बदलते रहें मुद्दे बदलते रहें और आपने लगातार हर बार बेखौफ, बेझिझक अपनी आवाज़ उठाई। हम लेकर आएं हैं Youth Ki Awaaz पर आपलोगों के द्वारा लिखे गए बेहद ही मज़बूत और अर्थपूर्ण लेखों में से वे 15 लेख जिन्होंने ना सिर्फ लोगों को अलग नज़रिए से सोचने के लिए मजबूर किया बल्कि सबसे ज़्यादा पढ़ी गईं
1) जातिगत भेदभाव पर निजी अनुभव बताते हुए लिखी गई यह कहानी आज भी देश में मौजूद जाति प्रथा को सामने लाती है।
“मेरे दोस्त के घर वालों को लगा मैं चमार हूं इसलिए मुझे गंदे ग्लास में चाय दी गई”
एक दलित के साथ किसी तथाकथित फॉरवर्ड कास्ट के घर कैसा सुलूक होता है, ये मुझे उस दिन पता चला।
2) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और राजकुमारी कौल की खूबसूरत प्रेम कहानी।
अटल बिहारी वाजपेयी और राजकुमारी कौल की प्रेम कहानी जो समाज के बंधनों से आज़ाद थी
शायद यही वह रिश्ते होते होंगे जिनका अमृता प्रीतम ज़िक्र किया करती थी।
3) शादी को लेकर अपनी यौनइच्छाओं और उम्मीदों पर लिखी एक लड़की की कहानी बयां करती है कि भारतीय समाज में औरतों की यौन इच्छाओं के लिए कितना कम स्कोप है।
मैं फिल्म जैसी शादी की पहली रात के सपने देखती थी लेकिन असली अनुभव ऐसा बिल्कुल नहीं था
“हम ग्यारह वर्षों तक शादी में रहे, लेकिन केवल कागज़ों पर।”
4) ऑनलाइन सीरीज़ सेक्रेड गेम्स की जहां काफी तारीफ हुई वहीं उसपर YKA यूज़र ज्योति यादव का यह अलग नज़रिया ज़रूर पढ़ा जाना चाहिए।
“सेक्रेड गेम्स: हिंसात्मक सेक्स सीन में ‘घर पर ना आज़माएं’ बताना भूल गए अनुराग कश्यप”
महिलाऐं अच्छा सेक्स चाहती हैं, सेक्स में हिंसा नहीं।
5) होली की आड़ में होने वाली यौन हिंसा को मज़बूती से सामने लाती यह कहानी पितृसत्तातमक समाज और यौन हिंसा का सच उजागर करती है।
भाभियों के स्तनों और जननांगों में रंग लगाने का मौका तलाशने वाली ये कैसी होली?
यह एक बीमारी है जिसे बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में रह रहे अधिकांश लोगो ने रिवायत बना दिया है।
6) प्यार की उलझनों, ब्रेकअप और प्यार की अलग-अलग भावनाओं के बारे में लिखी एक लड़की की निजी कहानी
मैं सोचती थी यौन संबंध से ब्रेकअप रुक जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ
द्वारा Khushboo *महक को शहर के सबसे खूबसूरत लड़के, राहुल से प्यार हो गया। वह राहुल से शादी करने के
7) कैंसर बीमारी के कारण पत्नी की मौत के बाद YKA यूज़र ने लेख लिखकर सबको जागरूक करने की कोशिश की है।
“कैंसर: जिस बीमारी ने पत्नी के रूप में मेरा सब कुछ छीन लिया”
वो कहती कि सब ठीक हो जायेगा, मैं कहता “इतनी आसानी से तुम्हें जाने नहीं दूंगा।”
8) 16 दिसंबर 2012 की घटना के बाद अबतक क्या हम लड़कियों के लिए सुरक्षित भारत बना पाए हैं?
“कन्या पूजा में मेरे पैर छूने वाला पड़ोसी खेल के बहाने मेरा वजाइना छूता था”
वह निर्भया थी जो आखिरी दम तक लड़ती रही और हम, एक समाज के रूप में एक देश के रूप में और एक इंसान के तौर पर बस कायर बन कर रह गए।
9) भारतीय मर्द अपने पार्टनर के सेक्स लाइफ को लेकर कब संवेदनशील होंगे?
“मेरा पति मेरा गर्भपात कराना चाहता था ताकि उसे यौन संबंध बनाने में दिक्कत ना हो”
चाय बनाने वाले बर्तन से मेरे सर पर तब तक मारा गया जब तक वो लगभग टूट ना गया और उनका निशाना मेरे पेट में पल रहा उनका बच्चा था।
10) क्या इस नज़रिए से आपने वेब सीरीज़ लस्ट स्टोरीज़ को देखा?
लस्ट स्टोरीज़: बोल्ड सीन्स के पीछे गंभीर समस्याएं क्यों किसी को नहीं दिखती
सेक्स में महिलाओं की संतुष्टि जैसी समस्याओं पर जो बात हुई उसपर किसी की नज़र नहीं गई।
11) आपको क्या लगता है भोजपुरी सिनेमा 55 सालों में कहां से कहां पहुंचा है?
‘गंगा मैया पियरी चढ़इबो’ से लेकर ‘रिमोट से लहंगा उठाने’ तक भोजपुरी सिनेमा के 55 साल
भोजपुरी सिनेमा को रुलाने में केवल सिनेमादारों का ही हाथ नहीं है, हमने भी इस बोली की आँख में कम मिर्च नहीं डाला है।
12) क्या भारतीय मीडिया महिलाओं के चित्रण में बेहद ही गैरज़िम्मेदाराणा रवैय्या अपनाता है?
‘चरित्रहीन स्त्री’ की पहचान करवाने वाली मीडिया संस्थाओं की सोच पर शर्म है
एक ख्याति-प्राप्त मीडिया कैसे अपने न्यूज़ पोर्टल में ऐसी घटिया बात छाप सकता है?
13) महिलाओं के मास्टरबेशन को अभी भी हम झुठलाना या गंदी हरकत क्यों करार देना चाहते हैं?
फिल्म में स्वरा के मास्टरबेशन करने पर इतना भड़क क्यों गया हमारा समाज
“फिल्म में महिला विरोधी गालियों के विरोध और मास्टरबेशन वाले सीन पर विरोध में काफी अंतर है।”
14) प्रेम और विवाह की जाति के नाम पर और कितनी कुर्बानियां ली जाएंगी?
“मैं आज तक अपने घर नहीं जा पाई क्योंकि मैंने दूसरी जाति के लड़के से शादी की”
आज हमारी शादी को 1 महीने से ज़्यादा हो गया लेकिन आज भी हम अपने घर नहीं जा पाए
15) योनि को लेकर कब सहज होंगे हम?
“मेरी 1.2 फुट की योनि”
मेरी योनि हमेशा मेरे जिस्म का एक अहम हिस्सा रही है।
यूंही लिखते रहें और पढ़ते रहें Youth Ki Awaaz पर। 2019 भी आपके लिए बेखौफ हो।